यहां सब है, मध्यप्रदेश सजग है…

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यहां सब है, मध्यप्रदेश सजग है…

इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन का सार यही है कि मध्यप्रदेश में सब कुछ है। मन में जिस क्षेत्र में निवेश करने का मन हो, वहां करने को आप स्वतंत्र हैं। बस आप मन बनाइए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आस्वस्त किया कि विकसित भारत के निर्माण में मध्यप्रदेश की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। आस्था और आध्यात्म से लेकर पर्यटन तक, एग्रीकल्चर से लेकर एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट तक एमपी अजब भी है, गजब भी है और सजग भी है। प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को अपडेट किया कि इंडिया में अब क्या-क्या खूबियां हैं। जिसमें मध्यप्रदेश भी शामिल था और जो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के हिसाब से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण था, वह यह कि कंपलाइन्सेज के बोझ को कम करने के लिए अभूतपूर्व प्रयास चल रहे हैं। हाल ही में हमने नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है जिससे मध्यप्रदेश भी जुड़ गया है। इससे अब तक 50 हजार स्वीकृति दी जा चुकी है। तो दूसरी महत्वपूर्ण बात कही कि बहुत सारे प्रयासों से आज मेक इन इंडिया को नई ताकत मिल रही है। प्रोडक्शन लिंक इंसेन्टीव के तहत ढ़ाई लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के इन्सेंटिव की घोषणा की जा चुकी है। चार लाख करोड़ रुपये का प्रोडक्शन हो चुका है। मध्यप्रदेश में भी इसकी वजह से सैकड़ों करोड़ का निवेश आया है। एमपी को टेक्सटाइल और फार्मा का हब बनाने में इसका योगदान है। इन्वेस्टर्स से आग्रह है की पीएलआई स्कीम का अधिक से अधिक लाभ उठाएं। मध्यप्रदेश का सामर्थ्य, मध्यप्रदेश के संकल्प आपकी प्रगति में दो कदम आगे चलेंगे, मैं आपको विश्वास के साथ कहता हूँ। तो मध्यप्रदेश की दिल खोलकर तारीफ कर प्रधानमंत्री ने कम से कम प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी का दिल जीत लिया। मोदी ने जो कहा वह सौ फीसदी सच है कि अजब है,‌गजब है और सजग है मध्यप्रदेश।
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तो मध्यप्रदेश की तारीफ करते हुए एक सफल सीईओ की तरह शिवराज ने भी प्रदेश की खूबियां दिल खोलकर बता दीं और निवेश के रास्ते भी बता दिए। पहले उद्योगपतियों की तारीफ की और कहा कि हिंदुस्तान के चमकते हुए सितारे उद्योगपति यहां बैठें हैं। देश का गौरव बढ़ाने वाले आप सभी उद्योगपति हैं। यह ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट,सच में ग्लोबल है। 10 पार्टनर कंट्री इसमें शामिल हैं। गयाना औऱ सूरीनाम के माननीय राष्ट्रपति जी आये हैं, पनामा की विदेश मंत्री, मारिसस के वित्तमंत्री, बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री, जिम्बाबे के खनिज मंत्री वो भी इस समिट में आय़े हैं। दुनिया के 33 देशों के एंबेसडर हैं या काउंसलेट जर्नल आये हैं। 84 देशों के 431 अंतर्राष्ट्रीय बिजनिस डेलीगेट्स आये हैं। 2 एक्सपोर्ट काउंसिल,10 बाइलिटरल ट्रेड इसमें शामिल हैं।आपके साथ वन टू वन भी होगा, वॉयर-सेलर मीट भी है, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में 15 देशों ने अपनी प्रदर्शनी लगाई है। जिक्र किया कि फिरोदिया जी ने बताया था कि पहले मध्यप्रदेश में टूटी-फूटी सड़कें थी। पहले मध्यप्रदेश बीमारू राज्य था। मैंने जब अमेरिका में कहा था कि मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका से अच्छी हैं, इसे मैंने इंदौर के सुपर कॉरिडोर को देखकर ही कहा था, तब कुछ लोगों हल्ला मचा दिया। अब हम नहीं कह रहे हैं, जमाना कह रहा है। एक प्रवासी भारतीय ने कहा मध्यप्रदेश की सड़कें तो लंदन से अच्छी हैं। इंदौर छठवी बार क्लीनेस्ट सिटी है, मध्यप्रदेश क्लीनेस्ट राज्य है। मध्यप्रदेश की विकास दर 19.76% है। जीएसडीपी मध्यप्रदेश की साढ़े 3 लाख करोड़ रुपये होती थी, आज 11 लाख करोड़ रुपये के पार हो गई है। पर कैपिटा इनकम 13,000 थी, जो बढ़कर 1,37,000 रुपये हो गई है। भारत की जीएसडीपी में हमारा योगदान बढ़कर 4.6% हो गया है। हमारा एक्सपोर्ट 60 हजार करोड़ से ज्यादा का हुआ है।
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तो एक सफल मुख्यमंत्री की तरह शिवराज बोले कि मध्यप्रदेश को सुविधाओं की दृष्टि से देंखें तो हम नंबर वन हैं। हमारे पास पर्याप्त लैंड बैंक हैं, अब 24 घंटे बिजली हमारे पास है।25,800 MW पॉवर क्षमता है, हम दिल्ली मेट्रो तक को बिजली दे रहे हैं।मध्यप्रदेश में पर्याप्त पानी है, मध्यप्रदेश पानीदार प्रदेश है।मध्यप्रदेश शांति का टापू है,मध्यप्रदेश में स्किल्ड मेन प़़ॉवर है। हम ग्लोबस स्किल पार्क बना रहे हैं, हमारी आईटीआई के आईडियल बनाने का काम किया है। आप सभी मध्यप्रदेश के विकास के भागीदार हैं। गुड गवर्नेंस में मध्यप्रदेश नंबर वन है। धरती माता ने मध्य प्रदेश को हीरा, फास्फोराइट, मैंगनीज, तांबा, डोलोमाइट, कोयला के भंडार दिए हैं। मध्य प्रदेश में देश की सर्वाधिक 251 खानें हैं। भारत की कुल खानों का 19% राज्य में है। इंदौर के आलू, नीमच का लहसुन अलग-अलग उत्पाद हमारे यहां। सबसे बड़ा संतरा हमारे यहां है। फसलों के विविधीकरण के लिए हमने योजना बनाई, अगर उद्योगपति कहता है कि हमें यह कृषि उत्पाद चाहिए, तो किसान से बात कीजिए। सरकार, किसान और निवेशक तीनों मिलकर काम करेंगे।
तो ब्रांडिंग का यह तरीका भी अच्छा है कि यहां स्वच्छता, यहां हरियाली, यहां सेफ़्टी, यहां शांति, यहां ईज ऑफ लिविंग और क्या चाहिए आईटी के लिए। इसलिए आईटी की अगली डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश ही है। इकोनामिक कॉरिडोर इंदौर पीथमपुर हम विकसित करने का काम कर रहे हैं जिसमें दोनों तरफ 500 एकड़ कामर्शियल भूमि पर प्लग प्ले एंड इंफ्रा का निर्माण किया जाएगा। और रेंटल अगर देखें तो बाकी शहरों की तुलना में 7 से 10 गुना तक रेंटल दरें हमारी कम हैं। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर इनमें हमारे आईटी पार्क है। भोपाल और जबलपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की हमने स्थापना की है। मैं और बताऊंगा तो समय लगेगा लेकिन विशिष्ट नीति के माध्यम से आईटी, बीपीओ कंपनियों को आकर्षक सुविधाएं यहां से रियायती दरों पर भूमि, कैपिटल, सब्सिडी, ट्रेनिंग सब्सिडी स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन, छूट ये सब हम देते हैं। और कोई कस्टमाइज पैकेज है चाहिए तो आप का प्रोजेक्ट लेकर आ जाओ उस पर भी हम विचार कर लेंगे। अपनी टीम के साथ हम बैठते हैं विचार करते हैं और अगर कोई छूट या सुविधा देनी होती है तो वह देने का काम करते हैं।
अब एक अलग ही आकर्षक अंदाज…देखिए जनाब!  मध्य प्रदेश टाइगर स्टेट्स है, मध्य प्रदेश लैपर्ड स्टेट्स है, मध्य प्रदेश वल्चर स्टेट्स है, मध्य प्रदेश क्रोकोडाइल स्टेट्स है और अब तो मध्य प्रदेश चीता स्टेट्स भी हो गया। और इसमें एक वाक्य और जोड़ा जाए तो यह कि मध्यप्रदेश मामा स्टेट है 2005 नवंबर से अब तक, बस नाथ के 15 माह का ब्रेक छोड़कर। श्योपुर जिले में चीते आए। वहां आसपास सड़कें, रहने को रिसोर्ट चाहिए, होटल चाहिए, गाड़ियां चाहिए, कई तरह की सुविधाएं चाहिए और इसलिए मध्य प्रदेश चीते की रफ्तार से दौड़ना चाहता है, प्रगति और विकास के पथ पर। आइए चीता प्रोजेक्ट भी आप देखिए।
हमारे यहां महाकाल महालोक है। मै सच कह रहा हूं, “जरूर देखिएगा, अदभुत बना है। महाकाल महाराज के दर्शन भी कीजिए। अद्भुत ऊर्जा क्षेत्र है सचमुच में। हमे भी प्रेरणा देता है और आप में भी नई ऊर्जा आएगी। लेकिन उसके बाहर जो महाकाल महालोक बना है एक शिव सृष्टि की रचना की गई है। उज्जैन में होटलों में कहीं जगह नहीं है। लोग घरों में ठहरा रहे हैं, होम स्टे शुरू हो गया है। आईए वहां होटल बनाइए, रिसोर्ट बनाईये। पूरे मध्यप्रदेश में जरूरत है। ओरछा में रामरजा विराजते हैं, मैहर में हमारी मैहर वाली शारदा मैया है, चित्रकूट में भगवान राम विराजते हैं। देवास में चामुंडा मैया, तो सलकनपुर में विजयासन मैया, ग्वालियर शनिचरा में शनि महाराज विराजते है।रिलीजियस टूरिज्म की संभावना है, बायलाइफ़ टूरिज्म की संभावना, हेरिटेज टूरिज्म की संभावनाएं हैं, अगर कहीं देखना है तो मध्यप्रदेश में देखिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राय है कि मध्यप्रदेश अजब है, गजब है और सजग भी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की राय है कि निवेश के लिए भरोसा पैदा करने की जरूरत है। शायद इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नाथ की बात पर गौर करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीईओ की भूमिका का निर्वहन कर निवेशकों के मन में भरोसा पैदा करने की सफल कोशिश कर रहे हैं। शायद मोदी से सहमति जता रहे हैं कि यहां सब है, मध्यप्रदेश सजग है…। तो जय-जय‌ इंदौर और जय-जय मध्यप्रदेश…जय-जय भारत देश।