सुप्रीम कोर्ट में पहली बार EVM खोली गई, हरियाणा पंचायत चुनाव का नतीजा पलटा, विपक्ष ने साधा बीजेपी पर निशाना

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सुप्रीम कोर्ट में पहली बार EVM खोली गई, हरियाणा पंचायत चुनाव का नतीजा पलटा, विपक्ष ने साधा बीजेपी पर निशाना

Panipat: हरियाणा के पानीपत जिले के बुआना लाखु गांव में सरपंच चुनाव के विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और वहां इलेक्शन रिजल्ट को चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार भौतिक रूप से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) खोली और रजिस्ट्रार की मौजूदगी में सभी बूथों की वोटों की पुनः गिनती कराई।

यह कार्यवाही पूरी वीडियोग्राफी के साथ की गई, जिसमें करीब तीन वर्षों पहले हुए चुनाव के नतीजे उलट कर हार गया प्रत्याशी मोहित कुमार विजेता घोषित हुआ।

2 नवंबर 2022 को हुए इस सरपंच चुनाव में शुरुआत में कुलदीप कुमार सिंह को विजेता बनाया गया था। लेकिन मोहित कुमार ने इस नतीजे को चुनाव न्यायाधिकरण के सामने चुनौती दी। अप्रैल 2025 में चुनाव न्यायाधिकरण ने एक बूथ पर पुनर्मतगणना की मंजूरी दी। इसके बाद जुलाई 2025 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस आदेश को खारिज कर दिया। फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी थी कि पुनर्गणना के दौरान सभी प्रक्रिया पारदर्शी और रिकॉर्डेड रही। दोनों पक्ष प्रतिनिधि मौजूद थे और सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी हुए। इस पुनर्निर्णय के अनुसार मोहित कुमार की संख्या कुलदीप सिंह से आगे निकल गई जिसकी वजह से उन्हें निर्वाचित सरपंच घोषित किया गया।

इस फैसले के बाद कई विपक्षी दलों और नेताओं ने विशेष रूप से बीजेपी पर निशाना साधा। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह पूरा मामला चुनाव प्रणाली में चल रही धांधली और फर्जीवाड़े का सबसे बड़ा सबूत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से जुड़े लोग चुनाव आयोग के नियम बदलकर वीडियो रिकॉर्डिंग के अधिकार को भी सीमित कर रहे हैं ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता खत्म की जा सके।

कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने भी इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। वहीं कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट में इस धांधली की कड़ी आलोचना की।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पंचायत चुनाव के दौरान EVM की विश्वसनीयता और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वहीं इस फैसले से यह साफ हुआ कि न्यायालय भी हर स्तर पर चुनाव की निष्पक्ष जांच और सत्यापन का पक्षधर है।