Ex-Home Minister Visits Corporation : निगम के फैसले के विरोध में कोठारी ने जताई नाराजगी पंहुचे निगम, आयुक्त के इंतजार में कक्ष में बैठे रहें!

छोटे दुकानदारों से पैसा लेना पूर्व सीएम की घोषणा के खिलाफ!

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Ex-Home Minister Visits Corporation : निगम के फैसले के विरोध में कोठारी ने जताई नाराजगी पंहुचे निगम, आयुक्त के इंतजार में कक्ष में बैठे रहें!

Ratlam : एक और सरकार जरुरतमंदों को कई तरह की सुविधाएं प्रदान कर रही हैं लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रदेश की बहनों को सहायता दी जा रही हैं और इधर रतलाम में सड़क पर बैठकर रोजगार करने वालों को बेवजह परेशान किया जा रहा हैं। दो वक्त के खाने के लिए यह व्यापार करने आते हैं जिन्हें परेशान किया जा रहा हैं यह बर्दाश्त से बाहर हैं बाजार में सड़क पर बैठकर और ठेलागाड़ी में आवश्यक वस्तुएं विकृय करने वालों के लिए गुरुवार दोपहर में पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी निगम के दफ्तर में आयुक्त से शिकायत करने पहुंचे थे।

 

वह आयुक्त अनिल भाना के कक्ष में जाकर बैठ गए थे। आयुक्त अनिल भाना के कक्ष में नहीं रहने पर उनका इंतजार करते रहें इसके बाद अमले ने तुरंत अनिल भाना को बुलाया उनके आने के बाद हिम्मत कोठारी ने आयुक्त को स्थिति बताई और कहा कि छोटे दुकानदारों से बाजार बैठक वसूली बंद करना चाहिए। इस पर आयुक्त ने उचित कार्रवाई का भरोसा हिम्मत कोठारी को दिलाया था इस दौरान हिम्मत कोठारी ने आयुक्त से कहा कि चुनाव के समय धानमंडी में सभा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सड़क पर बैठकर फल सब्जियां बेचने वालो से राशि नहीं लेने की घोषणा की थी। उसके विरुद्ध अब निगम ने निर्णय ले लिया कि राशि ली जाएंगी उन्होंने कहा कि निगम की तानाशाही नहीं चलने दुंगा इस बात पर निगम को पुनः विचार करना होगा इस दौरान उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता अशोक चोटाला तथा अन्य कार्यकर्ता और सड़क पर बैठकर व्यापार करने वाले परेशान विक्रेता थें।

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बता दें कि निगम कर्मचारियों द्वारा मनमाने तरीके से सड़क पर बैठकर व्यापार करने वाले छोटे दुकानदारों से शुल्क वसूला जा रहा हैं जिसके विरोध में इससे पहले भी सब्जी फल विक्रेताओं ने निगम परिसर में गरबा खेलकर विरोध दर्ज कराया था। तब महापौर प्रहलाद पटेल ने तुरंत एमआईसी की बैठक बुलाकर विक्रेताओं को राहत दी थी। बावजूद विक्रेता बाजार बैठक शुल्क देने को राजी नहीं थे। इधर महापौर का कहना हैं कि विक्रेताओं को निगम बहुत राहत दी जा चुकी हैं। पहले 50 और 30 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया था उसे घटाकर 20-30 रुपए कर दिया गया है और उसे भी पुरी तरह वसूलना शुरू नहीं किया गया है। इधर सड़क पर बैठकर और ठेलागाड़ी में व्यापार करने वालों ने बताया कि हम प्रतिदिन निगम कर्मचारियों को व्यापार करने के एवज में 30 रुपए दें रहें हैं फिर भी हमें परेशान होना पड़ता हैं। कोई 100 रुपए प्रतिदिन की मांग करता है तो कोई 50 रुपए की मांग करते हैं हम किस किस को रुपए दें यह समझ नहीं आ रहा हैं, एक दुकानदार ने बताया कि 2 हजार रुपए की रसीद कटवाने के बाद मुझे कहते हैं कि कल से अपना ठेला यहां से हटा लेना ऐसे में हम जाएं तो कहा जाएं एक और हमारे परिवार का भरण-पोषण करना और एक और निगम के शुल्क की मार झेलना, सड़क पर काफी मशक्कत करने के बाद रोजाना 4-5 सौ रुपए कमाकर घर चलाना मुश्किल भरा होता है और निगम की यह मार हमें मानसिक रूप से प्रभावित कर रहीं हैं!

देखिए वीडियो क्या कह रहें हैं हिम्मत कोठारी!