Ex MLA Punished : पूर्व MLA विपिन वानखेडे समेत 5 कांग्रेस नेताओं को 2-2 साल की सजा!

व्यापमं मामले में CM हाऊस का घेराव करने पर यह सजा सुनाई गई!

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Ex MLA Punished : पूर्व MLA विपिन वानखेडे समेत 5 कांग्रेस नेताओं को 2-2 साल की सजा!

Bhopal : मध्य प्रदेश एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के 5 युवा नेताओं को 9 साल पुराने मामले में दो—दो साल कैद की सजा सुनाई। जिन नेताओं को दो-दो साल की सजा सुनाई गई, उनमें पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े, एनएसयूआई और युवा कांग्रेस के नेता शामिल हैं।

2016 में व्यापमं कांड को लेकर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के नेताओं ने मुख्यमंत्री आवास के सामने बड़ा प्रदर्शन किया था। इसका प्रदर्शन का नेतृत्व विपिन वानखेड़े ने किया था। उनके साथ कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी, एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे, युवा कांग्रेस भोपाल के मीडिया प्रभारी आकाश चौहान, एनएसयूआई के सदस्य धनजी गिरी को सजा के साथ ही 11-11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट ने पांचों को 30-30 हजार रुपये के मुचलके पर रिहा कर दिया। 9 साल पुराने मामले में शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश स्वयं प्रकाश दुबे ने विपिन वानखेड़े, विवेक त्रिपाठी, आशुतोष चौकसे, आकाश चौहान, धनजी गिरी को यह सजा सुनाई।

सीएम हाऊस का घेराव 2016 में किया 

सजा पाए इन सभी नेताओं ने हजारों कार्यकर्ताओं के साथ व्यापमं घोटाले को लेकर भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया था। इसके बाद उन पर हबीबगंज पुलिस ने केस दर्ज किया था। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब विपिन वानखेड़े को सजा सुनाई गई हो, उन्हें पहले भी एक अन्य मामले को लेकर 1 साल की सजा सुनाई जा चुकी है। 6 अक्टूबर 2023 को विधानसभा चुनाव से पहले आगर मालवा से तत्कालीन विधायक विपिन वानखेड़े को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई थी। फिलहाल उन्हें 2 हजार रुपए जुर्माना जमा कराने के बाद 1 महीने की जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

विपिन वानखेड़े ने किया था नेतृत्व

विधायकों और सांसदों के मामलों की सुनवाई के लिए अलग से अदालत गठित की गई हैं। इस कोर्ट के जज ने ही विधायक विपिन वानखेड़े, कांग्रेस यूथ विंग के मीडिया प्रमुख विवेक त्रिपाठी, विकास नंदवाना, महक नागर, संजय वर्मा और गौरव उइके को सजा सुनाई थी। यह सजा वर्ष 2011 के मामले में सुनाई गई थी, तब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। प्रदेश के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ चुनाव नहीं हो रहे थे। युवा नेता चाहते थे कि चुनाव कराए जाएं। इसी बात पर आपत्ति लेते हुए युवा कांग्रेस ने विधानसभा घेराव की चेतावनी दी थी। विपिन वानखेड़े युवा कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी थे। उनके ही नेतृत्व में विधानसभा का घेराव किया जाना था।