Example of Friendship : तीन दोस्तों ने यूपीएससी की पढ़ाई की, 2 बने IAS, एक को IPS रास आई!  

कौन है ये तीन दोस्त जिन्होंने अनोखी मिसाल कायम की!

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Example of Friendship : तीन दोस्तों ने यूपीएससी की पढ़ाई  की, 2 बने IAS, एक को IPS रास आई!

New Delhi : दोस्ती यदि सच्ची हो, तो उसमें प्रतिद्वंद्विता की भावना नहीं होती। इसकी मिसाल दी, तीन दोस्तों ने और एक साथ यूपीएससी की तैयारी की और सिलेक्ट भी हुए। एक आईपीएस बना और दो आईएएस। साद मियां खान आईपीएस बन गए। जबकि, विशाल मिश्रा और गौरव विजयराम आईएएस बन गए।

तीनों दोस्त एक साथ रहे, एक साथ पढ़े और एक साथ ही यूपीएससी क्रेक करके अफसर बने। तीनों ने साल 2017 में यूपीएससी क्रैक किया। साद मियां खान उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले हैं। विशाल मिश्रा से उनकी मुलाकात हरकोट बटलर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एचपीटीयू), कानपुर में बीटेक के दौरान हुई. दोनों लोगों ने एमटेक के लिए आईआईटी कानपुर में एडमिशन लिया। साद ने यहीं से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी।

एमटेक के बाद यूपीएससी की तैयारी के लिए विशाल मिश्रा और साद मियां खान दिल्ली चले गए। यहां इनकी मुलाकात गौरव विजयराम से हुई। इसके बाद तीनों पक्के दोस्त बन गए और जुट गए अपने सपने को पूरा करने में।

साद मियां ने पांचवें प्रयास में यूपीएससी क्रेक की। साद ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2013 में पहली बार दी थी. उन्हें यूपीएससी में सफलता 2017 में मिली. यह उनका पांचवां प्रयास था। साद ने ऑल इंडिया 25वीं रैंक हासिल की. लेकिन उन्होंने आईएएस के बजाए आईपीएस को चुना।

गौरव विजयराम का चौथे प्रयास में सिलेक्शन हुआ। उनका 2017 में चौथा प्रयास था। उन्होंने 34वीं रैंक हासिल की थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि शुरुआती प्रयास में वह मुख्य परीक्षा के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद के प्रयास में जनरल स्टडीज के पेपर में अच्छे मार्क्स नहीं आए थे।

आईएएस विशाल मिश्रा उत्तराखंड के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर में साद मियां खान के साथ एमटेक किया। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की. विशाल ने साल 2017 में 49वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्रैक की थी। तीन दोस्तों की एक साथ सिविल सेवा में जाने की ये अनोखी मिसाल है।

विशाल बताते हैं कि एचबीटीयू से बीटेक करने के बाद मैं आईआईटी कानपुर से एमटेक की पढ़ाई करने चला गया। फिर दोस्त साद से मुलाकात नहीं हो पाती थी, मगर हम दोनों व्हाट्सएप के जरिए एक दूसरे जुड़े रहे। वर्ष 2015 और 2016 में यूपीएससी के साक्षात्कार तक पहुंचा। वहीं, बीटेक के बाद साद मियां ने अपने घर रहकर पांच बार यूपीएससी की परीक्षा दी, मगर दोनों को कामयाबी तीसरे दोस्त गौरव के साथ मिली।