Express Way : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर होंगी कुछ खास सुविधाएं!
New Delhi : दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे इसी साल मार्च तक शुरू हो जाएगा। ये अपने आप में अनोखा एक्सप्रेस-वे न सिर्फ इन दो महानगरों की यात्रा करने वालों का समय कम कर देगा, बल्कि सरकार इस पर कई तरह की नई सुविधाएं भी दे रही है। आठ-लेन एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेस-वे को 12-लेन एक्सप्रेस-वे तक विकसित किया जाएगा। इस रूट पर यात्रियों को तमाम तरह की सुविधाएं मिलेंगी। यहां रेस्तरां, फूड कोर्ट, रिसॉर्ट्स, फ्यूल स्टेशन समेत कई तरह की सुविधाएं यात्रियों को दी जाएंगी।
रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला 9 मार्च 2018 को रखी थी। इस प्रोजेक्ट का बजट 98,000 करोड़ रुपए है। इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई 1,380 किमी है। इस एक्सप्रेस-वे की खास बात यह होगी कि यह मुंबई, जेवर हवाई अड्डा और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट जोड़ देगा। साथ ही इससे जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे व्यावसायिक क्रेंद्र भी आपस में जुड़ेंगे। इससे यात्रा का समय कम हो जाएगा। इस रुट से बिजनेस व्यवसाय भी भविष्य में आसान होगा। मंत्रालय ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के विकास के लिए राज्यों से भी मदद ली और 15,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया।
आधी हो जाएगी दूरी
रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के विकास के लिए लगातार काम कर रही हैं और जल्द ही आप इस रुट पर सफर कर सकेंगे। इस रूट की खास बात यह होगी कि यह कई शहरों के बीच की दूरी को कम कर देगा। इससे यात्रा में पहले की तुलना में काफी कम समय लगेगा। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री से मिली जानकारी के मुताबिक यह रुट यात्रा के समय को 24 घंटे से घटाकर 12-12.5 घंटे कर देगा। यानी पहले की तुलना में आधे समय में यात्रा पूरी हो सकेगी। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के रिपोर्ट के मुताबिक 98,000 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना पर तेजी से काम जारी है। उम्मीद है कि मार्च 2023 तक यात्री इस रुट पर सफर कर सकेंगे।
हादसा हो तो हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा
इस रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खास व्यवस्थाएं भी की गई है। जैसे कोई दुर्घटना हो जाए, तो घायलों की तत्काल मदद के लिए एक हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा और एक हेलीपोर्ट होगा। इसके अलावा, इस रूट पर सड़क के किनारे दो मिलियन से अधिक पेड़-पौधे लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि एक्सप्रेस-वे से यात्रा करने पर सलाना 320 मिलियन लीटर से अधिक फ्यूल की बचत होगी। Co2 उत्सर्जन में 850 मिलियन किलोग्राम की कमी आएगी जिससे इस रूट से प्रदूषण में भी काफी हद तक कमी आएगी।