Eye Diseases rise in Children : कोरोना काल के बाद बच्चों में आंखों की बीमारियां बढ़ी!
Indore : कोरोना काल के बाद आंखों की बीमारियों के मरीजों में बढ़ोतरी हुई है। खासकर बच्चों की संख्या में ज्यादा हुई। कोरोना काल के दौरान स्कूली बच्चों को ऑनलाइन क्लास में पढ़ना पड़ा। इससे उनका स्क्रीनिंग टाइम बढ़ गया। इससे छोटे बच्चों में भी आंखों की बीमारियां होने लगी। बच्चों को चश्मा लगने लगा और जिन्हें चश्मा लगा था उनके नंबरों में बढ़ोतरी हो रही है।
‘एक्सीलेंस ऑफ आई अस्पताल’ की डॉ मीता जोशी ने बताया कि कोरोना काल में जब लॉक डाउन लगा तो बच्चे घरों में ही कैद हो गए। उन्हें आउटडोर गेम्स आदि खेलने का मौका नहीं मिला। इस कारण उनकी ज्यादातर दिनचर्या मोबाइल या टीवी के सामने ही गुजरी। स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को तो कई-कई घंटे लगातार मोबाइल या लैपटाप के सामने ही बैठकर स्टडी करना पड़ी। इससे उनका स्क्रीनिंग टाइम बहुत बढ़ गया। ऐसे में सीधा असर उनकी आंखों पर पड़ा। बच्चों में आंखे लाल होना, पानी आना, लाल पड़ना आदि लक्षण सामान्य होने लगे हैं।
40 फीसदी 5 से 15 वर्ष के
वर्तमान में जो आंखों के मरीज आ रहे हैं, उनके 40 फीसदी मरीज जो बच्चे हैं उनमें भी 5 से 15 वर्ष की उम्र के ज्यादा हैं। इनसे भी बातचीत में यह सामने आता है कि वे ज्यादा समय मोबाइल, टीवी आदि के सामने गुजारने के कारण आंखों की बीमारी से पीड़ित हुए हैं। इनमें जिन बच्चों को पहले चश्मा नहीं लगा था उन्हें चश्मा लग गया है और जिन बच्चों को पहले चश्मा लगा हुआ था, उनके चश्मे का नंबर बढ़ गया है।
2 घंटे आउटडोर गेम्स खेलें
डॉ जोशी ने बताया कि बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए पेरेंट्स बच्चों को कम से कम 2 घंटे आउटडोर गेम्स जरूर खिलवाएं। ऐसा करने से न सिर्फ नेत्र रोग बल्कि अन्य बीमारियों से भी उनका बचाव होगा। प्रतिदिन हेल्दी डाइट भी लें। खासकर ऐसे फूड लें, जिनमें जिंक, कैल्शियम, कोबाल्ट जरूर हों। इनसे उनका विजन भी सुधरेगा और इम्युनिटी भी बढ़ेगी।