
Eye Donation : स्वर्गीय आशा बनी दो लोगों के सृष्टि के रंगों को देखने की आशा!
नेत्रम संस्था के सदस्यों की जागरूकता का परिणाम 1 धंटे में 2 नेत्रदान!
Ratlam : शहर में नेत्रदान के प्रति जागरूकता बढ़ती जा रही हैं और लगातार नेत्रदान के ग्राफ में वृद्धि हो रही हैं, यह सब हों रहा हैं समाजसेवी और नेत्रम संस्था के सदस्यों की सक्रियता से। नेत्रम संस्था के सदस्य हेमन्त मूणत ने बताया बुधवार की सुबह दो नेत्रदान संपन्न हुएं और दोनों परिवारों के सदस्यों ने आदर्श उदाहरण पेश किया।
पहला नेत्रदान ईश्वर नगर निवासी अरुण ओरा (पिपलखुंटावाले) कि धर्मपत्नी श्रीमती आशा ओरा के असामयिक निधन पर सेवानिवृत्त शिक्षाविद् प्रोफेसर मनोहर जैन ने उनके सुपुत्र-सुपुत्री मनीष व पायल जैन को माताजी के नेत्रदान करने की प्रेरणा दी परिजनों की सहमति से नेत्रदान हुआ।
*स्वर्गीय अनसुइया के नेत्रदान बनें समाज की प्रेरणा!*
दूसरा नेत्रदान शहर के जाटों का वास निवासी श्रीमती अनसुईया भट्ट के असामयिक निधन के पश्चात समाजसेवी ओमप्रकाश अग्रवाल ने उनके सुपुत्र अनिल भट्ट, सत्यदीप भट्ट (पूर्व पार्षद) को माताजी के नेत्रदान करने की प्रेरणा दी।
नेत्रदान की सहमति देने वाले दोनों परिवारों के परिजनों की सहमति मिलते ही नेत्रम संस्था द्वारा बड़नगर गीता भवन न्यास के ट्रस्टी एवम नेत्रदान प्रभारी डॉक्टर जीएल ददरवाल को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही डॉक्टर ददरवाल अपनी टीम के उमाशंकर मेहता, चंचल पाटीदार, परमानंद राठौर, मनीष तलाच के साथ बडनगर से रतलाम पंहुचे और नेत्रदान की प्रक्रिया पुर्ण कर दोनों मृतकों का कार्निया लिया।
नेत्रदान के दौरान के हेमन्त मूणत, ओमप्रकाश अग्रवाल, नवनीत मेहता, गोविन्द काकानी, प्रोफेसर मनोहर जैन, प्रमोद कुमार जैन, भगवान ढालवानी, शलभ अग्रवाल, शीतल भंसाली, गिरधारीलाल वर्धानी, मीनु माथुर, प्रशान्त व्यास, सुरेश पाटीदार ने नेत्रदान प्रक्रिया संपन्न करवाकर परिजनों को प्रशस्ति पत्र भेंट किया। नेत्रम संस्था ने ओरा परिवार एवम भट्ट परिवार का आभार व्यक्त किया।





