

Eye Donation : नेत्रम संस्था के प्रयासों से 1 घंटे में 2 नेत्रदान, समाज के लिए प्रेरणादायी मिसाल!
Ratlam : मानवसेवा का सर्वोच्च रूप परोपकार हैं और यह सेवा जीवनपर्यंत तो रहती हैं। ऐसे भी लोग होते हैं जो दुनिया से अलविदा करते-करते परोपकार का कार्य कर जाते हैं, मानवसेवा में देहदान, अंगदान, नेत्रदान ऐसे दान है जिसका दान करने वाले तो दुनिया से अलविदा कह जाते हैं अमूमन उनके जाने के बाद उनके शरीर के किए गए अंगदान से कई लोगों के जीवन में खुशियां आ जाती हैं और उनके शरीर की कमियां और खामियां पुरी हो जाती हैं।
शहर की नेत्रम संस्था के अध्यक्ष हेमन्त मूणत और उनकी टीम परोपकार के कार्य में सदैव तत्पर रहते हुए अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली से सेवाएं प्रदान कर रहें हैं। संस्था के सदस्यों के अथक प्रयासों और समाजसेवियों की प्रेरणा से रतलाम के दो परिवारजनों ने अपने घर के मृतक स्वजनों का नेत्रदान कर समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया और बीते 1 घंटे के भीतर 2 नेत्रदान संपन्न हुए जिससे 4 दृष्टिहीन व्यक्तियों को अब नई रोशनी मिलेगी।
पहला नेत्रदान शहर की अमृतसागर कॉलोनी निवासी ओमप्रकाश पालीवाल के निधन उपरांत उनके सुपुत्र मनीष पालीवाल एवं परिजनों ने समाजसेवी दिलीप गांधी, बसंत पंड्या की प्रेरणा से परिजनों ने अपने परिवार के सदस्य की आंखें दान करने का निर्णय लिया।
वहीं इसी तरह दुसरा नेत्रदान शहर के नागरवास निवासी कांतिलाल बरमेचा के निधन पर उनके सुपुत्र राजेंद्र बरमेचा (बल्लू दलाल) एवं परिजनों ने प्रीतेश गादिया और विनोद मूणत की प्रेरणा से इस महान कार्य में योगदान दिया। नेत्रम संस्था के अध्यक्ष हेमंत मूणत ने बताया कि जैसे ही परिजनों की सहमति प्राप्त हुई संस्था द्वारा बड़नगर गीता भवन न्यास को सूचित किया गया। न्यास के ट्रस्टी एवं नेत्रदान प्रभारी डॉ. जीएल ददरवाल अपनी टीम के सदस्य मनोहरलाल राठौड़ के साथ तुरंत बड़नगर से रतलाम पहुंचे और नेत्रदान की प्रक्रिया को विधिवत संपन्न किया।
इस दौरान नेत्रम संस्था के हेमंत मूणत, ओमप्रकाश अग्रवाल, शीतल भंसाली, मीनू माथुर, भगवान ढलवानी, शलभ अग्रवाल, गिरधारीलाल वर्धानी, प्रशांत व्यास, कपिल पालीवाल, विकास पालीवाल एवं हरीश पालीवाल, विष्णु पालीवाल उपस्थित रहें। संस्था द्वारा परिजनों को प्रशस्तिपत्र भेंटकर उनकी उदारता और समाजसेवा की भावना को नमन किया गया।
नेत्रम संस्था इन परोपकारी परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हैं और समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने का संकल्प लेती हैं परिजनों की यह प्रेरणादायी पहल निश्चित रूप से अन्य लोगों को भी इस परोपकारी कार्य के लिए प्रेरित करेगी और अनेक दृष्टिहीन लोगों के जीवन में उजियारा लाएगी।