

Eye Donation Sets an Example : नेत्रम संस्था के सदस्यों के प्रयासों से 2 नेत्रदान बनी समाज के लिए प्रेरणादायी मिसाल!
Ratlam : मानव सेवा का सर्वोच्च रूप परोपकार हैं और जब यह सेवा जीवन के बाद भी जारी रहती हैं तो मिसाल बन जाती हैं। बीते कल रात्रि में और आज सुबह रतलाम के 2 परिवारों ने अपने परिवार के मृतक स्वजनों का नेत्रदान कर समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया। जिससे अब 4 दृष्टिहीनों को नई रोशनी मिलने की आशा जगी।
पहला नेत्रदान काटजू नगर निवासी श्रीमती गिरजा देवी चौहान के निधन के उपरांत उनके सुपुत्र अनील चौहान (एमपीईबी) एवं परिजनों ने समाजसेवी महेन्द्र मंत्री, शीतल भंसाली, गोविन्द काकानी की प्रेरणा से अपने प्रियजन की आंखे दान करने का निर्णय लिया। इसी तरह दूसरा नेत्रदान शहर की प्रसिद्ध होटल अशोक के संस्थापक शास्त्री नगर निवासी नेहचलदास पाहुजा के निधन पर उनके सुपुत्र विजय, हरीश, रामचन्द्र, श्यामलाल पाहुजा एवं परिजनों ने सुंदर केवलरमानी, गिरघारीलाल वर्धानी, कमल खत्री, भगवान गंगवानी की प्रेरणा से पिताजी के नेत्रदान का निर्णय लेकर नेत्रम संस्था को सूचित किया।
नेत्रम संस्था के सदस्य हेमंत मूणत ने बताया कि जैसे ही परिजनों की सहमति प्राप्त हुई संस्था द्वारा बड़नगर गीता भवन न्यास को सूचित किया गया। न्यास के ट्रस्टी एवं नेत्रदान प्रभारी डॉ. जीएल ददरवाल अपनी टीम के सदस्य चंचल पाटीदार, मनीष तलाच के साथ तुरंत रतलाम पहुंचे और नेत्रदान की प्रक्रिया को विधिवत संपन्न किया।
इस दौरान नेत्रम संस्था के हेमंत मूणत, नवनीत मेहता, शीतल भंसाली, मीनू माथुर, भगवान ढलवानी, गिरधारीलाल वर्धानी, गोपाल राठोड़ पतरावाला, प्रशान्त व्यास, शिवम माथुर, अनिल गेरा मौजूद रहें। नेत्रदान के पश्चात संस्था द्वारा परिजनों को प्रशस्ति-पत्र भेंटकर उनकी उदारता और समाजसेवा की भावना को नमन करते हुए आभार व्यक्त किया। नेत्रम संस्था इन परोपकारी परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हैं। नेत्रम संस्था समाज में नेत्रदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहने का संकल्प लेती हैं। परिजनों की यह प्रेरणादायी पहल निश्चित रूप से अन्य लोगों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करेंगी और अनेक दृष्टिहीन लोगों के जीवन में उजियारा लाएंगी!