Facility for College Students: संस्थान में अध्ययन सुविधा उपलब्ध नहीं, ऐसे विषय का भी चयन कर सकेंगे कॉलेज विद्यार्थी

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Facility for College Students: संस्थान में अध्ययन सुविधा उपलब्ध नहीं, ऐसे विषय का भी चयन कर सकेंगे कॉलेज विद्यार्थी

भोपाल : प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब विद्यार्थी ऐसे विषय का चयन भी कर सकेंगे जिसके अध्ययन की सुविधा उसके द्वारा प्रवेश लिये गए संस्थान में उपलब्ध नहीं है। इस विषय की पढ़ाई वह ऑनलाईन माध्यम से कर सकेगा और इसके क्रेडिट प्राप्त कर सकेगा।

उच्च शिक्षा मंत्रालय ने शिक्षा नीति के लिए यूजीसी द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जारी अध्यादेश को लेकर स्पष्ट निर्देश जारी किए है। इसमें कहा गया है कि यह अध्यादेश सत्र 24-25 में स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर लागू होगा तथा आगामी वर्षो में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

इस अध्यादेश में वर्तमान परीक्षा योजना में विद्यार्थी को अगले वर्ष, सेमेस्टर में प्रावधिक प्रवेश के लिए न्यूनतम पचास प्रतिशत क्रेडिट की बाध्यता में अनेक विद्यार्थियों के अनुतीर्ण होने और उनके सेमेस्टर, सत्र को शून्य घोषित किए जाने से हो रही एक पूरे शैक्षणिक सत्र की हानि को देखते हुए किसी भी वर्ष या सेमेस्टर में विद्यार्थियों हेतु पासिंग ग्रेड पैतीस प्रतिशत क्रेडिट अर्जित करने का प्रस्ताव दिया है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की मंशा अनुसार विद्यार्थी को द्वितीय वर्ष से डबल मेजर विषय चयनित करने का अवसर दिया गया है। जिसमें प्रवेश के इच्छुक को एक और मुख्य विषय के अध्ययन की विशेष सुविधा प्राप्त होगी। इस विकल्प से विद्यार्थियों को स्नातक के पश्चात दो विषयों में स्नातकोत्तर अध्ययन का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।

प्रदेश के सभी महाविद्यालयों में चतुर्थ वर्ष ऑनर्स पाठयक्रम संचालित होगा। विद्यार्थी ऐसे विषय का चयन भी कर सकेगा जिसके अध्ययन की सुविधा उसके द्वारा प्रवेश लिये गए संस्थान में उपलब्ध नहीं है और उस विषय के क्रेडिट एवं अन्य मान्य ऑनलाईन माध्यम द्वारा अर्जित कर सकेगा अथवा निकटस्थ संस्थान में सक्षम अनुमति प्राप्त कर उस संस्थान में अध्ययन कर सकेगा।

विद्यार्थी के हित में एनईपी की मूल भावना को ध्यान में रखते हुए श्रेणी सुधार का अवसर भी प्रदान किया गया है जिससे विद्यार्थी अपने परीक्षा परिणाम को और बेहतर कर सकेंगे।

समिति ने यह सुझाव दिया है कि सभी मेजर और माइनर विषयों के पृथक पृथक समूह बनाकर चयन करने की सुविधा प्रदान की जाए। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ईवेल्यूशन रिफार्म इन हायर एजूकेशन इंस्टीट्यूट अनुसार आंतरित मूल्यांकन को तीस प्रतिशत से अधिक किये जाने का अवसर प्रदान करने हेतु इस हेतु चयनित संस्थानों को आगामी वर्षो में पायलट प्रोजेक्ट के रुप में स्वायत्तता दी जाना उचित होगी।

अनुशासनिक विकल्प का चयन विद्यार्थी ऐसे संकाय से करेगा जिसका अध्ययन उसने विद्यालय स्तर पर न किया हो। प्रदेश के विद्यार्थियों को हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा का अध्ययन स्नातक स्तर पर तीनों वर्षो में करवाया जाना प्रस्तावित किया गया है।

कौशल आधारित गतिविधियों हेतु स्क्लि एन्हासमेंट वोकेशनल पाठयक्रम प्रतिवर्ष अध्यापन हेतु प्रस्तावित किए गए है। इसके लिए सूची उच्च शिक्षा विभाग उपलबध कराएगा। इसके अंतर्गत विद्यार्थी किसी एक कौशल को चुनकर तीन वर्ष तक उसी स्क्लि एनहांसमेंट वोकेशनल पाठयक्रम में कौशल अर्जित कर सकेंगे। प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट वर्क, अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप सामुदायिक जुड़ाव का अवसर दिया जाएगा। तीसरे साल में विद्यार्थी ग्रीष्म अवकाश के समापन पर या तृतीय वर्ष के प्रारंभ के पूर्व समर इंटर्नशिप कर सकेंगे। तृतीय वर्ष तक विद्यार्थी मूल्य संवर्धक पाठयक्रम का अध्यन कर सकेंगे।आनर्स अथवा ऑनर्स विथ रिसर्च पाठयक्रम भी कर सकेेंगे। इसी वर्ष विद्यार्थियों को शोध प्राविधि का अध्यापन भी कराया जाएगा।