Fake Branded Liquor : ब्रांडेड शराब की बोतलों में घटिया दारू बेचने वालों से 120 बोतलें जब्त, 3 को पकड़ा!

भोपाल के रेस्टोरेंट और ढाबों में इस घटिया शराब को सप्लाय किया जाता!

302

Fake Branded Liquor : ब्रांडेड शराब की बोतलों में घटिया दारू बेचने वालों से 120 बोतलें जब्त, 3 को पकड़ा!

Bhopal : बुधवार रात आबकारी विभाग ने कार्रवाई करते हुए नकली ब्रांडेड शराब की 120 बोतलें जब्त की। इनमें घटिया स्तर की सस्ती शराब भरी थी। इस मामले में 3 को पकड़ा गया है। उनके पास से एक कार, एक एक्टिवा भी जब्त की गई। अनुमान है कि यह शराब नकली भी हो सकती है। आबकारी विभाग इसकी जांच कर रहा है।

ब्रांडेड शराब की खाली बोतलों में घटिया और सस्ती शराब भरकर भोपाल के रेस्टोरेंट और ढाबों में सप्लाय की जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि शराब पीने वाले सभी लोगों को बोतल लेने से पहले उसके लेवल की जांच करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि फर्जी बोतलों में भरी दारू थोड़ी कम रहती है, यह इसकी मुख्य पहचान है। पकड़ी गई शराब और वाहनों की कीमत करीब 8 लाख रुपए है।

IMG 20240712 WA0063

नकली शराब तस्कर को ऐसे पकड़ा

आबकारी विभाग ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। इस दौरान सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचूरा ने बताया कि 10 जुलाई को एमपी नगर स्थित चेतक ब्रिज के पास से एक सफेद रंग की एक्टिवा में 12 बोतल अंग्रेजी शराब का परिवहन करते हुए रितिक पिता रमेश चौधरी निवासी बिजली कॉलोनी गोविंदपुरा को पकड़ा गया। जब्त शराब की बोतलें ब्रांडेड थी, जिनकी बाजार में कीमत 20 हजार रुपए तक है। जांच की गई तो उसमें भरी शराब ब्रांडेड न होकर घटिया थी। आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। यह कानून के हिसाब से बहुत बड़ा अपराध है।

दीपम रायचूरा ने बताया कि आबकारी विभाग ने रितिक के विरुद्ध मप्र आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1)क के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया और उससे पूछताछ की। जिसमें उसने अपने साथियों के नाम भी बताए। इसके आधार पर न्यू सुभाष नगर विश्रामघाट रोड पर चेकिंग की गई। इस दौरान काले रंग की कार को रोककर उसकी तलाशी ली गई।

कार की डिग्गी में 4 बोरियों एवं 1 बेग में कुल 108 बोतल अंग्रेजी शराब थी। शराब के ब्रांड ग्लेनलिविट 12 साल, इंद्री, गोल्ड लेबल, ग्लेनलिविट 15 साल, ग्लेनलिविट 1824 कैरेबियन रिजर्व, 8 पीएम है। इस मामले में आरोपी गजेंद्र पिता तिलक सिंह गुर्जर, आर्यन पिता पर्वत सिंह मीणा और प्रशांत पिता दरपान सिंह के विरुद्ध मप्र आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) क व धारा 34 (2) के अंतर्गत प्रकरण कायम कर गिरफ्तार किया। आरोपियों में से एक आरोपी आबकारी अपराधों का पुराना सिद्धदोष आरोपी है।