Fake Broker Company Disappears : फॉरेक्स ट्रेडिंग में सुरक्षित रिटर्न की गारंटी देने वाली दुबई की फर्जी ब्रोकर कंपनी गायब!

सैकड़ों भारतीय तथा प्रवासी निवेशक करोड़ों की धोखाधड़ी का शिकार हुए, जानिए पूरा घटनाक्रम!

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Fake Broker Company Disappears : फॉरेक्स ट्रेडिंग में सुरक्षित रिटर्न की गारंटी देने वाली दुबई की फर्जी ब्रोकर कंपनी गायब!

 

‘मीडियावाला’ के स्टेटहेड विक्रम सेन की विस्तृत रिपोर्ट 

Mumbai : वित्तीय धोखाधड़ी के एक चौंकाने वाले मामले में दुबई स्थित ‘गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स’ रातों रात गायब हो गया। ये ब्रोकर कंपनी कभी दुबई के बिजनेस में दो आलीशान कार्यालयों से काम करती थी, अचानक गायब हो गई। इससे ‘सिग्मा वन कैपिटल’ नाम से ऑपरेट करने वाली इस फर्म के जरिए दुबई में रहने वाले सैकड़ों भारतीयों को करोड़ों रुपये की चपत लगी। अब ये निवेशक अपने लाखों करोड़ों की वसूली के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

फॉरेक्स ट्रेडिंग से बड़ा और सुरक्षित पैसा कमाने वाले निवेशक, गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स कंपनी के ऑफिस में गए तो ऑफिस के बाहर साफ सफाई का सामान रखा मिला। दुबई पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज जांच शुरू कर दी। इस फर्म ने निवेशकों को फॉरेक्‍स में निवेश का लालच दिया था, जिनमें कई भारतीय तथा केरल के कई प्रवासियों ने भी इस कंपनी में बड़ी रकम निवेश की थी।

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उल्लेखनीय है कि कंपनी ने दावा किया था कि उसके पास कैरेबियाई देश सेंट लूसिया में रजिस्ट्रेशन है और मुसल्ला टॉवर में उसका एक ऑफिस है। लेकिन, ऐसा कोई ऑफिस वहां मौजूद नहीं मिला। जांच में यह भी पता चला कि कंपनी के वहां कभी काम करने का कोई रिकॉर्ड भी नहीं है।

जानकारी अनुसार पिछले महीने तक यह ब्रोकर फर्म गल्फ फर्स्ट, तथा सिग्मा वन कैपिटल, गोल्डन टावर में सुइट 302 और 305 से काम करती थी। इनमें लगभग 40 कर्मचारी काम करते थे। उनकी मुख्य भूमिका संभावित ग्राहकों को कॉल करके फ़ॉरेक्स निवेश को बढ़ावा देना था। अब, कभी चहल-पहल से भरे रहने वाले दफ्तर खाली पड़े हैं, फोन लाइनें टूटी हुई हैं और फर्श पर धूल जमी है। कैपिटल गोल्डन टॉवर के एक सुरक्षा गार्ड ने जानकारी दी कि उन्होंने (फर्म प्रबंधन ने) चाबियाँ लौटा दीं, सब कुछ साफ़ कर दिया, और ऐसे चले गए जैसे वे बहुत जल्दी में थे। अब कई लोग रोज हमारे पास आकर उनके बारे में पूछते हैं।

 

क्या कहते हैं धोखा खाने वाले निवेशक

धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों में केरल के प्रवासी मोहम्मद और फैयाज पोयल भी शामिल हैं, जिन्होंने मिलकर गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स में 75,000 डॉलर का निवेश किया था। उन्होंने बताया कि मैं यहाँ जवाब की तलाश में आया था, लेकिन यहाँ कुछ भी नहीं है, कोई भी नहीं है। सिर्फ़ खाली दफ़्तर हैं। हमने हर नंबर पर कॉल किया, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। ऐसा लगता है जैसे वे कभी अस्तित्व में ही नहीं थे। पोयल ने सुनसान दफ़्तर का दौरा करने के बाद यह जानकारी दी।

एक अन्य भारतीय निवेशक संजीव ने दावा किया कि फर्म ने ग्राहकों को सिग्मा-वन कैपिटल नामक एक अनियमित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की ओर निर्देशित किया था। उन्होंने कहा कि ब्रोकरेज फर्म ने सुरक्षित रिटर्न की गारंटी दी और बार-बार भोले-भाले निवेशकों को अपनी जीवनभर की बचत निवेश करने के लिए राजी करने का आश्वासन दिया।

मोहम्मद को 50,000 डॉलर का नुकसान हुआ, उन्होंने बताया कि स्टाफ ने गल्फ फर्स्ट और सिग्मा-वन का नाम एक दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल किया तथा दावा किया कि वे एक ही ऑपरेशन का हिस्सा थे। एक निवेशक ने अफसोस जताते हुए कहा कि काश मैंने उनकी साख की जांच की होती। अब हमारे पास खाली कार्यालय और खाली बैंक खाते रह गए हैं। जांच जारी है क्योंकि और अधिक निवेशक इसी तरह की शिकायतें लेकर सामने आ रहे हैं।

फैयाज पोयल ने याद किया कि उन्हें लुभाने वाले फ़ोन कॉल के ज़रिए लालच दिया गया था। एक निवेशक ने कहा कि मेरे रिलेशनशिप मैनेजर ने मुझे $1,000 की शुरुआती जमाराशि देने के लिए मना लिया। समय के साथ, मुझे और ज़्यादा पैसे जोड़ने के लिए दबाव डाला गया, मुझे सहज ट्रेडिंग और शुरुआती मुनाफ़े का लालच दिया गया।

 

चल रही है कानूनी कार्रवाई

दुबई पुलिस ने पुष्टि की है कि गल्फ फर्स्ट कमर्शियल ब्रोकर्स और सिग्मा-वन कैपिटल दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने आगे कहा कि जांच से पता चला है कि सिग्मा-वन कैपिटल को दुबई वित्तीय सेवा प्राधिकरण (डीएफएसए) या प्रतिभूति और कमोडिटी प्राधिकरण (एससीए) द्वारा अधिकृत नहीं किया गया है।

 

निवेशक आकर्षण के नाम पर ठगे जाते रहे

दुबई में एफएक्स ट्रेडिंग निवेश घोटाले में 120% तक लाभ देने के इस तरह के स्कैम 2015 से नियमित सामने आते रहे हैं। इस तरह यह घोटाला भी यूएई में पहले हुए धोखाधड़ी के मामलों जैसा ही है। पहले भी कई लोगों ने डीएफएक्स और ईवीएम प्राइम जैसे संदिग्ध प्लेटफॉर्मों में लाखों रुपए गंवाए हैं। इन सभी धोखाधड़ी में एक बात समान थी कि सभी को कोल्ड कॉल के जरिए बढ़ावा दिया गया था। उनसे ‘सुरक्षित ट्रेडिंग वातावरण’ का वादा किया गया था। पीड़ितों ने क्रेडिट कार्ड से ज्यादा पैसे निकाल लिए या लोन ले लिया। लेकिन, बाद में उन्हें पता चला कि कंपनियों के दुबई ऑफिस काल्पनिक थे।

इस तरह की अधिकतर कथित ब्रोकर कंपनी जो निवेशकों के पैसे को मैनेज करने का काम करती हैं वे बताती हैं कि हम इलेक्ट्रॉनिक्स, तेल और गैस, ऑटोमोटिव और कृषि उत्पादों सहित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, विश्वसनीय साझेदारी को बढ़ावा देते हैं और दुनिया भर के व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों तक पहुँच को सक्षम बनाते हैं।

दुनियाभर में आवश्यक सामग्रियों और विश्वसनीय भागीदारी के लिए हम पुल कनेक्शन के रूप में है। विविध व्यावसायिक जरूरतों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव, टेक्सटाइल और बहुत कुछ में विशेषज्ञता रखते है। महत्वपूर्ण उत्पादों और सामग्रियों की समय पर डिलीवरी के लिए खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने का काम करते हैं।

कितनों को ठगा, इसका पता नहीं

लोग इनकी वेबसाइट और किए गए वादों इरादों से प्रभावित हो जाते हैं तथा आसानी से धोखाधड़ी के शिकार बन जाते जाते हैं। पूर्व की तरह हुए स्कैम की तरह ही इस स्कैम में भी कुल कितने रकम का स्कैम हुआ है इसकी जानकारी सामने नहीं आई। इसका कारण यह है कि कई आयकर बचाने वाले और अधोषित आय कमाने वाले अधिकारी, व्यापारी, नेता और माफिया बड़े पैमाने पर इनमें फर्जी नाम से निवेश कर दुबई में बसने का सपना देखते हुए बहुत बड़ा धन हवाला के जरिए इन निवेशक ब्रोकर को उपलब्ध कराते हैं। इस तरह आम निवेशक सहित विशेष निवेशको से कई करोड़ डॉलर की ठगी को आसानी से अंजाम दिया जाता है।