Fake Caste Certificate Case : जबलपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर एफआईआर!

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Fake Caste Certificate Case : जबलपुर में फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों पर एफआईआर!

फर्जीवाड़े में एक दुकान पर कुछ दिनों पहले छापा मारकर सील किया गया!

Jabalpur : फर्जी जाति प्रमाणपत्र से नौकरी करने वाले 5 कर्मचारियों का मामला सामने आया है। रांझी कार्यालय सहायक ग्रेड 3 ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिस आधार पर पांच कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई। मुकेश बर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह, अर्चना दहिया और अंकित अग्रवाल के खिलाफ शासन के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।

बताया गया कि इन कर्मचारियों ने 2022 और 2023 में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर नौकरी पाई थी। कर्मचारियों के खिलाफ मिली शिकायतों के बाद उनके नौकरी संबंधी दस्तावेजों की जांच की गई, इसके बाद यह कार्रवाई की गई। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। अगर जांच में आरोप सही साबित हुए तो इन कर्मचारियों को कानून के तहत सजा हो सकती है। इसके अलावा सरकारी नौकरी से हटाने के साथ इनसे सैलरी की भी वसूली की जा सकती है।

6 फ़रवरी को भी एक दुकान में छापा

जबलपुर के घमापुर थाना क्षेत्र में प्रशासन की टीम ने एक दुकान पर छापेमार की। यहां फर्जी तरीके से बनाए जा रहे सरकारी दस्तावेजों को जब्त किया गया। साथ ही दुकान को भी सील कर दिया गया है। शिकायत के बाद एसडीएम के साथ पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और यह कार्रवाई की। बताया गया कि इस दौरान दुकान संचालक जुबेर खान कहीं बाहर गया था। पुलिस ने दुकान को सील कर दिया।

एसडीएम रघुवीर मरावी ने बताया कि सूचना प्राप्त हुई थी कि घमापुर चौक में जुबेर खान नाम के व्यक्ति के यहां फर्जी तरीके से सरकारी प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं। इसके बाद टीम बनाकर दुकान पर छापामार कार्रवाई की गई। इस दौरान ऐसे दस्तावेज बरामद हुए जो दुकानदार को नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा कई अहम डाक्यूमेंट मिले जिसकी जांच की जाएगी। एसडीएम ने बताया कि वर्तमान में दुकान संचालक कहीं बाहर गया हुआ है। दुकान को सील कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि जानकारी मिली थी कि बहुत समय से यहां पर फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाए जाने का कार्य किया जा रहा था। एसडीएम ने बताया कि मौके से फर्जी तरीके से आय, जाति प्रमाण पत्र और राशन कार्ड बनाए जाने के दस्तावेज मिले।संचालक के आने के बाद दस्तावेजों को पूछताछ के बाद जब्त किया जाएगा। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।