Indore : ड्रग सप्लाई में 12 साल की सजा पाए अभिषेक जैन ने पैरोल पर छूटने के बाद फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करके बड़ा फर्जीवाड़ा किया। उसने अपनी मां सीमा जैन के जरिए बेटे अभिषेक की कोरोना से मौत होने का फर्जी प्रमाण पत्र जेल में पेश कर दिया। लेकिन, ये राज खुल गया और एमजी रोड़ पुलिस ने अभिषेक और उसकी मां सीमा पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया। लेकिन, सीमा जैन 23 दिन बाद भी पुलिस के हाथ नहीं आई।
अलीराजपुर के अभिषेक जैन को मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त के मामले में 12 साल की सजा सुनाई गई थी। दो साल पहले कोरोना महामारी के दौरान अभिषेक ने पैरोल हासिल कर लिया। बाद में अपनी मां सीमा के माध्यम से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर जेल में पेश कर दिया। सीमा जैन ने कहा कि अभिषेक की कोरोना में मौत हो चुकी है। जेल प्रशासन ने भी सामान्य घटना समझकर केस फाइल बंद कर दी।
हाल ही एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने अभिषेक को गुजरात से पकड़ा तो पता चला उसने राहुल उर्फ रिंकू चौधरी (बड़ोदरा), नौशाद (छोटा उदयपुरा), शोएब (छोटा उदयपुरा) की मदद से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया था। उसने मां सीमा के माध्यम से जेल प्रशासन को फर्जी प्रमाण पत्र सौंपा था। मामले को 22 दिन हो गए लेकिन पुलिस सीमा को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
अभिषेक जैन को उसके साथियों के साथ ड्रग सप्लाई के मामले में एनसीबी द्वारा पकड़ा गया था। वर्ष 2019 में न्यायालय द्वारा 12 साल की सजा सुनाए जाने के बाद सभी को सेंट्रल जेल भेज दिया। 18 सितंबर 2021 को अभिषेक ने पैरोल ले ली और गुजरात चला गया। यहां उसने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया और अपनी मां के माध्यम से जेल अफसर को सौंप दिया। पिछले महीने गुजरात पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह को पकड़ा तो अभिषेक की जानकारी मिली और एनसीबी को सूचना दी। आरोप है कि षड़यंत्र में अभिषेक का पिता आजाद जैन भी शामिल है जो कोर्ट में बाबू के पद पर पदस्थ है। आजाद ने ही फर्जीवाडे का षड़यंत्र रचा था।