Fake DSP Arrested : 12वीं पास फर्जी DSP जो हूटर वाली गाड़ी घूमता और फाइव स्टार होटलों में रुकता, महंगी शराब का भी शौकीन!

चालाकी ऐसी कि पुलिस वाले भी उसके चक्कर में फंस जाते!

1029

Fake DSP Arrested : 12वीं पास फर्जी DSP जो हूटर वाली गाड़ी घूमता और फाइव स्टार होटलों में रुकता, महंगी शराब का भी शौकीन!

Panipat (Haryana) : पुलिस ने यहां एक फर्जी डीएसपी सुमित आहूजा को गिरफ्तार किया। आरोपी कई महीनों से पुलिस के लिए सिर दर्द बना था। शिकायत मिलने के बाद से पुलिस उसे पकड़ने के लिए पानीपत के अलावा प्रदेश के अलग-अलग जिलों समेत कई राज्यों में दबिश दे चुकी थी। आखिरकार आरोपी को पुलिस ने शहर के 8 मरला इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 6 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

IMG 20250628 WA0010

सुमित खुद को इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो पंचकूला में डीएसपी और पत्नी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अधिकारी बताता था। 12वीं पास सुमित हूटर लगी गाड़ी में अफसरों जैसा रुतबा और झूठे वादों के दम पर न सिर्फ आम लोगों को, बल्कि पुलिस अधिकारियों तक को गुमराह करता रहा। सुमित इंस्पेक्टरों की पूरी कुंडली रखता ऑफ होटलों में वीवीआईपी ट्रीटमेंट लेता था। वह महंगी शराब का शौकीन था, उसने एक व्यक्ति से 1.80 लाख कीमत की 2 बोतल ली थीं। इसके साथ गाड़ी में 10 हजार की कीमत वाली बोतलें रखता था।

 

फर्जी डीएसपी की असली कहानी

पानीपत ही में सुमित आहूजा का जन्म हुआ। उसने निजी स्कूल में 12वीं तक की पढ़ाई की। सुमित का एक छोटा भाई भी है। सुमित की शादी 2020 में लॉकडाउन के दौरान पंजाब की तनवीर संधू से हुई। माता-पिता जाटल रोड पर स्थित मकान में रहते हैं। जबकि, वह अपनी पत्नी के साथ मॉडल टाउन स्थित किराए के मकान में रहता है।

पुलिस के मुताबिक सुमित पानीपत के लघु सचिवालय में कमीशनखोरी का काम करता था। उस वक्त के उच्च अधिकारियों ने इसकी गतिविधियां देखते हुए 2013 में इसकी एंट्री सचिवालय परिसर में बैन कर दी थी। इसके बाद वह बेरोजगार हुआ तो उसने लोगों के बीच अपनी छवि दबंग अफसरों की तरह बनानी शुरू कर दी। वह लोगों में एसडीएम कार्यालय में अटके हुए काम करवा कर पहले ही छवि को मजबूत बना चुका था। फिर इसने लोगों से संपर्क शुरू किया। खुद को पंचकूला में पुलिस के इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो का डीएसपी नियुक्त होने की बात कहकर फंसे हुए काम हल करवाने की बात कही।

सुमित एक सफेद गाड़ी रखता था, जिसमें उसने हूटर के अलावा लाल-नीली बत्ती लगवाई थी। गाड़ी में महंगी से महंगी शराब की बोतल भी रखता था, जिससे वह लोगों में इंप्रेशन जमाता। इसके अलावा वह लोगों के काम कई जगहों पर वॉट्सऐप पर कॉल करके कराता था। केस से संबंधित बातचीत करता, इससे भी लोगों में उसके प्रति विश्वास बनता रहा।

 

हरियाणा के पुलिस वालों की कुंडली रखता

सुमित की खासियत है कि वह अपनी बातों के जाल में लोगों को उलझा लेता था। उसने इंस्पेक्टरों के पिछले इतिहास समेत प्रमोशन, रिटायरमेंट की तारीखें भी जुटाई। इसके बाद वह किसी भी इंस्पेक्टर को कॉल करता और उन्हें अपना परिचय डीएसपी के रूप में ही देता। इंस्पेक्टरों से भी बात इस तरह से करता था कि वे भी उसके झांसे में आ जाते थे।

सुमित ट्रांसफर, नौकरी पर सेट करवाना, विदेश भेजने समेत अन्य काम करवाने की बात कहता था। इसके अलावा वह महंगे फाइव स्टार होटल में खुद को डीएसपी बताकर कमरा खुलवाता था और वीवीआईपी ट्रीटमेंट लेता था। लेकिन, यही चालाकी उसके लिए मुसीबत बन गई और झूठे आश्वासन के कारण वो फंसकर पुलिस के हाथ लग गया!