Fake Fertilizer in Jansunwai : कलेक्टर की जनसुनवाई में किसान नकली खाद का बोरा लेकर पहुंचा!
Gwalior : किसान खाद की किल्लत से परेशान हैं। किसानों की खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें उन्हें परेशानी में डाल रही है। जबकि, कालाबाजारी करने वाले इस मुश्किल हालात में भी कमाई के मौके ढूंढ रहे हैं। खाद की किल्लत के बहाने किसानों को मनमाने दामों पर नकली खाद बेचा जा रहा है। ग्वालियर में एक किसान ने नकली खाद बेचे जाने की शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में की।
पुरासनी गांव के किसान साधु सिंह का आरोप है कि उसे भितरवार के खाद वितरण केंद्र से ब्लैक में ₹1700 की खाद दी गई। खाद के एक कट्टे की एमआरपी 1350 रुपये अंकित है। उसके साथ जबरन, एनएपी यूरिया की बोतल पकड़ा दी गई, लेकिन इसमें भी उसके साथ गड़बड़ी की गई। उसका आरोप है कि उसे नकली खाद दी गई।
घटना की शिकायत कलेक्टर की जनसुनवाई में की गई। इस मामले में कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान का कहना है कि किसान ने नकली खाद की शिकायत की है। कृषि अधिकारी को किसान द्वारा खरीदी गई खाद के सैंपल लिए जाने की निर्देश दिए गए। उन्होंने बताया कि अगर सैंपल में खाद में कोई गड़बड़ी पाई जाएगी तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर के आदेश के बाद भी सैंपल नहीं
किसान का आरोप है कि कलेक्टर के आदेश के बाद भी कृषि अधिकारी उनके खाद के सैंपल नहीं ले रहा। जिले सहित तमाम जिलों में इन दिनों खाद की किल्लत है। ऐसे में मुनाफाखोर किसानों से खाद के नाम पर जमकर मनमानी कर रहे हैं। इतना ही नहीं किसानों को गुणवत्ता हीन खाद भी ऊंचे दामों पर बेची जा रही है।
मुनाफाखोरी करने के आरोप
किसान संगठनों ने भी प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए। मध्य प्रदेश किसान सभा के नेता अखिलेश यादव का आरोप है कि ग्वालियर में खाद की परेशानी है। उन्होंने एक महीने पहले भी प्रशासन को आगाह किया था कि हर साल किसानों को खाद की किल्लत होती है। इसलिए खाद का पर्याप्त स्टॉक मंगाया जाए। बावजूद इसके किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं कराया गया। खाद के नाम पर किसानों से कालाबाजारी हो रही है।