Fake Marksheet : फर्जी अंकसूची का उपयोग कर गुमराह कर नौकरी प्राप्त करने पर वाली महिला को 10 वर्ष का कारावास, अन्य धाराओं में भी सजा तथा जुर्माना भी लगाया!

जानिए क्या हैं पूरा मामला!

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Fake Marksheet : फर्जी अंकसूची का उपयोग कर गुमराह कर नौकरी प्राप्त करने पर वाली महिला को 10 वर्ष का कारावास, अन्य धाराओं में भी सजा तथा जुर्माना भी लगाया!

Ratlam : सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की कोर्ट ने श्वेता शाह पति गिरीश शर्मा निवासी पत्रकार कालोनी को आईपीसी की धारा 420 में 7 वर्ष, धारा 467 में 10 वर्ष की सजा व धारा 468 में 7 वर्ष की सजा व पांच-पांच सौ रुपए के जुर्माने से दण्डित किया। अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार ने बताया कि कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला चिकित्सालय द्वारा 24.मार्च.17 को थाना प्रभारी स्टेशन रोड को एक पत्र के माध्यम से अवगत कराया था कि कार्यालय के अंतर्गत कार्यरत श्रीमती सुनंदा शाह महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता उप-स्वास्थ्य केन्द्र प्रीतम नगर (बिलपांक) में कार्यरत होकर 13.जून.14 को शासकीय सेवा में रहते हुए उसकी मृत्यु होने से मृतक सुनन्दा शाह की पुत्री कुमारी श्वेता शाह ने अनुकम्पा नियुक्ति देने के संबंध में कलेक्टर रतलाम को आवेदन प्रस्तुत किया था।

इसी प्रकार के आवेदन संयुक्त कलेक्टर जिला रतलाम से 8-जुलाई-14 को तथा पारसचन्द्र जैन, प्रभारी मंत्री एवं स्कूल शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश शासन का 23-अगस्त-14 का पत्र श्वेता शाह की अनुकम्पा नियुक्ति हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय को प्राप्त हुआ था। संलग्न दस्तावेज के अंतर्गत श्वेता शाह द्वारा माता श्रीमती सुनंदा पति गिरिश शाह का मृत्यु प्रमाण-पत्र, हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा सन 2000 उत्तीर्ण, हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा सन 2002 उत्तीर्ण एवं बीकॉम फायनल परीक्षा उत्तीर्ण की प्रति प्रस्तुत की गई थी।
नियुक्ति आवेदन के परिपालन में शाखा प्रभारी द्वारा तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को 13-अगस्त-14 के नोटशीट उचित आदेशार्थ प्रस्तुत की गई जिसके अंतर्गत सीएमएचओ द्वारा प्रशासकीय अधिकारी स्थानीय कार्यालय को तदसबंध में टीप देने हेतु निर्देशित किया गया।

प्रशासकीय अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया था की सहायक वर्ग-3 का पद रिक्त न होने के कारण ड्रेसर के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता 10+2 शिक्षा पद्धति में 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण (जीव विज्ञान, रसायन एवं भौतिकी) तथा ड्रेसर का 3 माह का प्रशिक्षण उत्तीर्ण होना आवश्यक हैं। इनके द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया गया है अतः विचारणीय नहीं हैं। डार्करूम असिस्टेंट पद के लिए श्वेता शाह द्वारा शैक्षणिक योग्यता 10+2 शिक्षा पद्धति में 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण (जीव विज्ञान, रसायन एवं भौतिकी) हैं। अतः श्वेता शाह की अनुकम्पा नियुक्ति के लिए विचार योग्य हैं। जिस पर तत्कालीन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 12-सितम्बर-14 के द्वारा श्वेता शाह की नियुक्ति के आदेश डार्करूम असिस्टेंट के पद पर करने हेतु निर्देशित किया।

फिर 16-सितम्बर-14 को कुमारी श्वेता शाह की नियुक्ति डार्करूम असिस्टेंट के पद पर 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि पर अस्थाई तृतीय श्रेणी के पद पर की गई। जिसके पालन में श्वेता शाह ने 18-सितम्बर-14 को जिला चिकित्सालय में डार्करूम असिस्टेंट के पद पर मय दस्तावेज के उपस्थिति प्रस्तुत की। तत्पश्चात डार्करूम की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर श्वेता शाह की हायर सेकेंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (10+2) वर्ष 2002 का सत्यापन कराने हेतु संभागीय कार्यालय माध्यमिक शिक्षा मंडल चिमन बाग इंदौर को दिनांक 13-अक्टूबर-16 को प्रस्तुत करने पर उनके द्वारा दिनांक 21-नवम्बर-16 को पत्र जारी कर कार्यालय को अवगत कराया गया था कि श्वेता शाह पिता गिरीश शाह की हाई सेकेंडरी 2002 की अंकसूची छाया प्रति एवं मंडल रिकार्ड में भिन्नता हैं। इस कारण सत्यापन किया जाना संभव नहीं हैं। इस कारण मूल अंकसूची प्रेषित किए जाने का निवेदन करने पर कार्यालय द्वारा 28-नवम्बर-16 को श्वेता शाह को पत्र जारी कर मूल अंक सूची प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिए गए तत्पश्चात श्वैता शाह द्वारा 25-फरवरी-17 को सिविल सर्जन कार्यालय में अपनी शैक्षणिक योग्यता बीकॉम फायनल एवं हायर सेकेंडरी परीक्षा (10+2) वर्ष 2002 की मूल प्रति प्रस्तुत की।

श्वेता शाह द्वारा नियुक्ति आवेदन एवं उपस्थिति के समय विज्ञान संकाय की अंकसूची प्रस्तुत की थी एवं अंकित विषय फिजिक्स, केमेस्ट्री एवं बॉयलॉजी हैं, वर्तमान में जो मूल प्रति प्रस्तुत की गई हैं वह वाणिज्य संकाय की हैं। अतः श्वेता शाह द्वारा विभाग को गुमराह कर नियुक्ति प्राप्त की गई है। अतः कार्यवाहीं किए जाने का निवेदन करने पर अभियुक्त श्वेता शाह के विरूद्ध थाना स्टेशन रोड में अपराध क्रमांक 186/17, अंतर्गत धारा 420, 467, 468, 409 भादंसं के अधीन FIR दर्ज की गई। जांच के दौरान साक्षी अजय, जयकुमार, डॉ. आनन्द चंदेलकर सिविल सर्जन रतलाम, डॉ. पुष्पेन्द्र शर्मा, संदीप कुमार, श्रीमती वंदना खरे संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाऐं उज्जैन, डॉ. दिनेश भूरिया एमएस सिविल अस्पताल रतलाम के कथन लेखबद्ध कर आवश्यक अनुसंधान पूर्ण करने के उपरांत चालन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां से सुनवाई उपरांत न्यायालय ने निर्णय पारित किया!