Fake SDM Case:PSC में असफल नीलम,सहेली का लेटर देखा और SDM बन गई
इंदौर – नीलम पाराशर के फर्जी SDM बनने की कहानी भी रौचक है। पीएससी में असफल नीलम प्रशासनिक अफसर बनने का सपना देख रही थी। अचानक एक सहेली ने वाट्सपर नियुक्ति पत्र भेजकर बताया कि उसकी महिला बाल विकास विभाग में नौकरी लग गई है। उस नियुक्ति पत्र पर कलेक्टर के हस्ताक्षर थे। नीलम को इसी से आइडिया लिया और खुद का नियुक्ति पत्र बना कर एसडीएम लिखी कार में फर्राटे भरने लगी।फर्जी SDM नीलम पाराशर ने तेजाजी नगर पुलिस के सामने कई और चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने अपनी पढ़ाई को लेकर भी पुलिस से झूठ बोला। पुलिस अफसरों ने जब उससे डिग्री मांगी तो वह कोई दस्तावेज नहीं दे सकी। वह अलग-अलग कॉलेज से पढ़ाई कर ग्रेजुएट होने की बात करती रही। पुलिस पूछताछ में वह रो-रो कर अपनी सच्चाई बता रही है।
नकली SDM नीलम पाराशर ने तेजाजी नगर पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने ठगी के रुपए से देवगुराड़िया में करीब 70 लाख का मकान खरीदा। फिलहाल वह शिखर जी इलाके में किराये से रहती है। उसने आंगनवाड़ी में पहली नौकरी की, इसके अलावा कभी कोई नौकरी नहीं की। वहीं से उसे सरकारी कामकाज का हल्का-फुल्का नॉलेज मिला और दौरे पर आने वाले अफसरों के निरीक्षण से उनकी बॉडी लैंग्वेज सीखना शुरू कर दी। शुरुआत से अफसरी करने का चस्का उसके दिमाग पर चढ़ा था। इसलिए नौकरी छोड़ वह लोगों से अफसरों जैसा व्यवहार करने लगी। इस दौरान वह कई लोगों से ठगी करती गई। वह पुलिस को कभी भोपाल तो कभी इंदौर के MGM कॉलेज से पढ़ाई करने की बात बताती रही।नीलम पाराशर को बुधवार को दोबारा कोर्ट पेश किया जाएगा। उसके खिलाफ हीरा नगर, सराफा और क्राइम ब्रांच में चौथा केस दर्ज हो चुका है। अफसर उसके किस्से सुन-सुनकर हैरत में पड़ रहे हैं। सोमवार रात पुलिस नेएसडीएम बनने के किस्से सूने तो हंस हंस कर लोटपोट हो गए। नीलम ने कहा कि वह पीएसएसी की परीक्षा देकर प्राशासनिक अफसर बनना चाहती थी। लेकिन असफल होने पर उसका सपना अधूरा रह गया। दो साल पूर्व उसकी सहेली ने बताया महिला बाल विकास विभाग में नौकरी लग गई हैआवेदकों को प्रभावित करने के लिए फर्जी SDM नीलम पाराशर रिश्तेदारों के मोबाइल नंबर प्रशासनिक अफसरों के नाम से सेव करती थी। शील्ड के साथ फोटो खिंचवाकर इंटरनेट मीडिया पर बने ग्रुप में साझा भी करती थी।
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