

Fake TP Case : फर्जी टीपी कांड में 4 महीने बाद संदीप सिंह वाशु पर वन विभाग ने मामला दर्ज किया!
Indore : चर्चित फर्जी ट्रांजिट परमिट (टीपी) कांड में आखिरकार चार माह बाद वन विभाग ने संदीप सिंह वाशु के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। 24 दिसंबर 2024 को कस्तूर टॉकीज के पास सीसीएफ उड़नदस्ते द्वारा की गई कार्रवाई में दो ट्राले पकड़े गए थे, इनमें आम की लकड़ी भरी थी। एक गाड़ी फर्जी टीपी के आधार पर इंदौर लाई गई थीं। कार्रवाई के चार महीने बाद अब जाकर विभाग ने यह कदम उठाया है, जिससे उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, ट्राला (एमपी-67-एच-0240) संदीप इंटरप्राइजेज की आरा मशीन पर खाली हो रहा था। जबकि, दूसरा ट्राला (पीबी-11-सीजे-4687) बाहर खड़ा मिला। जांच में सामने आया कि एमपी-67-एच-0240 की टीपी फर्जी थी, वहीं पीबी-11-सीजे-4687 पर सरकारी हेमर (मुहर) नहीं लगी थी, जो अवैध लकड़ी परिवहन की पुष्टि करता है।
सीसीएफ उड़नदस्ते ने तत्काल पंचनामा बनाकर दोनों ट्राले जब्त कर इंदौर रेंज अधिकारियों को सौंप दिए। इसके बावजूद रेंज अधिकारियों ने न तो संदीप इंटरप्राइजेज की आरा मशीन सील की और न ट्राले के मालिक या ड्राइवर पर कोई कार्रवाई की गई। ड्राइवर को मुचलके पर छोड़ दिया गया।
वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में संदीप सिंह वाशु पर आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना था। लेकिन, अधिकारियों की मिलीभगत के चलते मामला दबा दिया गया। विभाग पर यह भी आरोप है कि उसने अब तक संबंधित थाने में कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं करवाई।
सवाल यह भी उठ रहा है कि ये ट्राले फर्जी टीपी पर अशोकनगर और गुना से इंदौर तक आए। रास्ते में कई चेक पोस्ट पार करने के बाद इंदौर पहुंचे। किंतु, कहीं दस्तावेजों की कोई जांच नहीं की गई। इससे यह आशंका और गहरी हो जाती है कि ट्रकों के इस अवैध आवागमन में विभाग के बड़े अफसरों की मिलीभगत हो सकती है।
शिकायतकर्ता ने डिप्टी रेंजर अनिता भंडोले की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं, जिन पर मामले को नजरअंदाज करने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि जिस संदीप पर अब केस दर्ज किया गया, उसने कुछ समय पहले वनरक्षक जुनैद अली से मारपीट भी की थी।
डीएफओ प्रदीप मिश्रा के निर्देश पर की गई ताजा कार्रवाई में संदीप के खिलाफ केस दर्ज किया गया और अब उसके कारोबार एवं फर्जी टीपी नेटवर्क की गहन जांच की बात कही जा रही है। विभाग का कहना है कि संदीप के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी और दोषी अधिकारियों को भी नहीं बख्शा जाएगा।