कृषक फसल उपार्जन योजना लागू, नगर तथा ग्राम निवेश के सेटअप को मंजूरी, कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी

आनंद विभाग,धार्मिक विभाग में मर्ज

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भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट ने मंगलवार को कई महत्वपूर्ण फैसले पर मुहर लगाई. इसमें कृषक फसल उपार्जन योजना लागू करने का प्रस्ताव शामिल है. साथ ही इंदौर, भोपाल और रीवा के मेडिकल कॉलेजों में लीनियर एक्सीलरेटर से कैंसर का इलाज होने को मंजूरी दी गई है. अब तक भोपाल के एम्स को छोड़कर एमपी के किसी भी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा नहीं थी.

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन योजना लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई. अब गेहूं, धान और दूसरे छोटे अनाज के उपार्जन में केन्द्र सरकार द्वारा देरी होने पर इसका भुगतान इस योजना के तहत किसानों को किया जाएगा. इसके लिए योजना में राशि का प्रावधान किया जाएगा. वहीं मप्र पाॅवर जनरेटिंग कंपनी के द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत विस्तार ईकाई 660 मेगावाट की स्थापना पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी. कैबिनेट की बैठक में आधा दर्जन से ज्यादा प्रस्ताव पर चर्चा की गई.

*किसानों को मिलेगी राहत*

प्रदेश में धान, गेहूं और छोटे अनाज का खाद्य विभाग द्वारा उपार्जन किया जाता है, बाद में यह अनाज केन्द्र सरकार उठाती है. लेकिन कई बाद केन्द्र सरकार द्वारा अनाज उठाने में देरी होने से राज्य सरकार को उपार्जन की राशि बांटने के लिए बैंक से लोन लेना पड़ता है. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने अब मुख्यमंत्री कृषक सहायता उपार्जन योजना लागू कर इसमें राशि का प्रावधान किया है. कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी गई.

सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा के मुताबिक, इस योजना के लागू होने से केन्द्र द्वारा अनाज उठाने में देरी और बैंक से लोन मिलने में देरी होने पर इस योजना से लाभ उठाया जा सकेगा. कैबिनेट की बैठक में पशुपालन और डेयरी विभाग के अंतर्गत पशुधन चारा योजना, पशु कुक्कुट नस्ल विकास उपमिशन, इनोवेशन एवं विस्तार उपमिशन को भी मंजूरी दे दी गई है.

कैबिनेट की बैठक में भोपाल, इंदौर और रीवा मेडिकल काॅलेजों में पीपीपी मोड पर लीनियर एक्सीलरेटर मशीन से इलाज कराने सेवा प्रदाता कंपनी द्वारा कराए जाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दी गई है. इस फेसिलिटी से रेडिएशन के साइड इफेक्ट्स का खतरा कम होगा. अभी इस मशीन से एम्स में इलाज किया जाता है. अब यह मशीन प्रदेश के सरकारी मेडिकल काॅलेज भोपाल, इंदौर और रीवा में लगाई जाएगी. इसके उपकरण खरीदी में 105 करोड़ और संचालन में 146 करोड़ रुपए का व्यय होगा.

*कैबिनेट में इन प्रस्तावों पर लगी मुहर*

कैबिनेट की बैठक में आधा दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिन्हें विचार-विमर्श के बाद कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी.

 

– कैबिनेट की बैठक में आनंद विभाग को धार्मिक एवं न्यास विभाग में मर्ज कर दिया गया है. इसके बाद अध्यात्म विभाग का नाम बदलकर धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग कर दिया गया है.

– प्रदेश की बिजली की जरूरतों को देखते हुए कैबिनेट में अमरकंटक ताप विद्युत ईकाई का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया, जिस पर कैबिनेट ने अपनी सहमति दे दी. चचई का यह नया बिजली प्लांट 660 मेगावाट का होगा. इसे मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा तैयार किया जाएगा.

– संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश के विभागीय सेटअप में संशोधन के प्रस्ताव पर मंजूरी. नए सेटअप के लिए 13 करोड़ 45 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है.

– विधि एवं विधायी कार्य विभाग में अतिरिक्त सचिव के पद से रिटायर हुए न्यायाधीश बृजेन्द्र सिंह भदौरिया और अभय सक्सेना की संविदा नियुक्ति एक साल बढ़ाई गई.

– वाणिज्यिक कर विभाग की बालाघाट स्थित परिसंपत्ति 7 करोड़ 31 लाख रुपए में मेसर्स अभिनव कंस्ट्रक्शन को बेचने की अनुमति दी गई.

इसके अलावा ब्यावरा बस डिपो 12 करोड़, मुरैना के जैराखुर्द की जमीन 67.35 करोड़ में, जबलपुर के कुटीर महल की जमीन को 8 करोड़ 3 लाख रुपए में बेचने की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. इसमें 100 फीसदी राशि जमा करने पर यह जमीन हेंडओवर की जाएगी.