Farmer Upset : किसानों ने कलेक्ट्रेट घेरा, बदले में मिला आश्वासन, किसानों को नहीं मिल रही खाद

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Farmer Upset : किसानों ने कलेक्ट्रेट घेरा
Farmer Upset : किसानों ने कलेक्ट्रेट घेरा

Farmer Upset : किसानों ने कलेक्ट्रेट घेरा, बदले में मिला आश्वासन,किसानों को नहीं मिल रही खाद

(छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट)
Chatarpur : खाद न मिलने से परेशान किसानों ने कलेक्ट्रेट में आकर डेरा डाल दिया। यहां आसपास के गांव के किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे और खाद न मिलने की बात कही। छुट्टी होने के कारण अधिकारी न मिल पाने के कारण अब वे और ज्यादा परेशान हैं।
Farmer Upset
Farmer Upset (फ़ाइल फोटो )

मामला छतरपुर जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट का है, जहां सैकड़ों की संख्या में किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर खाद न मिलने की शिकायत की और खाद दिलाए जाने की गुहार लगाई।

उनका कहना है कि बड़ी मुश्किल से पानी बरसा है, यह पानी फसल के लिए अमृत साबित हो रहा है। इसके बाद भी उन्हें खाद नहीं मिल रही। किसानों को खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

किसानों के मुताबिक वे 3 दिन से अपना घर-बार छोड़कर रोज खाद के लिए जिला मुख्यालय आ जाते हैं। भूखे-प्यासे सुबह से लेकर शाम हो जाती है, पर खाद नहीं मिल पाती।

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खाद बांटने वाले सोसायटी बंद करके चले जाते हैं। किसानों का आरोप है कि 1200 रुपए की मिलने वाली खाद ब्लैक में 1500 रुपए में बेच देते हैं।

Farmer Upset

अगर किसान 1200 रुपए की बोरी के इंतजार में बना रहता है, तो उसे सुबह से शाम हो जाती है लेकिन खाद नहीं मिलती। अगर वही किसान उसी बोरी को 1500 में खरीदता है, तो उसे तत्काल खाद मुहैया हो जाती है।

किसानों का यह भी आरोप है कि हम गरीब किसान हैं खाद के लिए भी पैसे नहीं हैं। साहूकारों से कर्ज लेकर खरीदना पड़ता है। इसके बावजूद खाद ब्लैक में बिक रही है।

हमारे पास बंदियां (कृषि पुस्तिका) है उसके बाद भी हमें खाद नहीं दे रहे। हम ब्लैक में कैसे खरीदें। एक तरफ तो प्रकृति की मार अब जैसे-तैसे पानी बरसा है तो खाद की मारामारी हो रही है।

नायब तहसीलदार ने सुनी समस्या
किसानों के कलेक्ट्रेट से वापस न जाने की सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार ने आकर किसानों की समस्याएं सुनीं और किसानों के सामने ही SDM से फोन बात की।

SDM ने मामले में कृषि विभाग और संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात करके मामले का जल्द निराकरण करने की बात कही। कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों की समस्याओं का समाधान तो नहीं हो सका, पर आश्वासन जरूर मिला कि उनकी समस्या का जल्दी समाधान कर दिया जाएगा।

किसानों को यहाँ भी निराशा
बड़ी उम्मीद से किसान अपनी खाद की समस्या को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे  पर उनका उनकी समस्या का समाधान तो नहीं हुआ बदले में उन्हें आश्वासन का तकिया कलाम थमा दिया गया।