नीलगायों और जंगली सुअरों के आतंक से किसान त्रस्त – विभाग और सरकार गंभीर नहीं – विधायक श्री जैन

*विधायक के प्रश्न पर विधानसभा में वन विभाग ने दिए हास्यास्पद आंकड़े* *जिले में 23874 घोड़ारोज़ और 5102 जंगली सुअर रेकॉर्ड में*

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नीलगायों और जंगली सुअरों के आतंक से किसान त्रस्त – विभाग और सरकार गंभीर नहीं – विधायक श्री जैन

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

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मंदसौर – विधानसभा सत्र के शीतकालीन सत्र के दौरान अंतिम दिन मंदसौर विधायक विपिन जैन द्वारा किसानो की महत्वपूर्ण समस्या घोड़ारोज़ ( नीलगाय ) और जंगली सुअरों के कारण फसलों को हो रहे नुकसान के संबंध में तारांकित प्रश्न किया गया तो वन विभाग के द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं वह इस बात का सबूत है कि विभाग घोड़ारोज़ और जंगली सूअरो से निदान के लिए कितना गंभीर है ?

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वन विभाग के अनुसार वर्ष 2014 से वर्ष 2024 तक केवल 12 लोग दुर्घटना में घायल हुए हैं और केवल पांच लोगों की मृत्यु हुई है और किसानो की फसले चौपट होने के केवल 9 ही प्रकरण प्राप्त हुए हैं जबकि व्यावहारिक तौर पर अगर देखा जाए तो आए दिन घोड़ा रोज़ के कारण सैकड़ो दुर्घटनाएं हो रही है और मृत्यु के प्रकरण भी ज्यादा है वहीं बीते 4 वर्षों में मंदसौर जिले के किसानों और आमजन द्वारा 58 से अधिक सीएम हेल्पलाइन शिकायतें की गई परंतु उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर शिकायत वापस लेने को मजबूर कर दिया गया है समूचा किसान वर्ग बीते कई वर्षों से घोड़ारोज़ ( नीलगायों ) और जंगली सुअरों के आतंक से परेशान है किस तरह यह फसले चौपट कर रहे हैं और कितनी संख्या में इनके कारण दुर्घटनाएं हो रही है नीलगाय समूह के साथ खड़ी फसलों में घुस जाती हैं और तहस नहस कर रही है यह आम बात है परंतु वनविभाग के पास उनके नुकसान और दुर्घटनाओं से संबंधित नाम मात्र की जानकारी है वहीं विभाग द्वारा बताया गया है कि निर्धारित प्रारूप में मुआवजा की प्रक्रिया यदि की जाए तो सहायता राशि दी जाती है परंतु कठिन प्रक्रिया के कारण किसान वर्ग और दुर्घटनाओं से गंभीर नागरिकों के लिए मुआवजा राशि प्राप्त करना असंभव है वहीं वन विभाग द्वारा बताया गया है कि वन सुविधा एप विभाग द्वारा निर्मित किया गया है जिससे दुर्घटना राहत भुगतान की प्रक्रिया संपन्न की जाती है ।