Farmers’ Money Stuck : किसानों का पैसा लेकर व्यापारी गायब, 100 करोड़ रूपए अटके!
Indore : कृषि उपज मंडियों में उपज बेचे जाने (गेहूं, चना) के बाद किसानों का 100 करोड़ रुपए का भुगतान अटक गया। व्यापारियों को किसानों ने मंडियों में खुली नीलामी में फसल बेचा था। इंदौर में 186 किसानों ने 5 साल पहले 2 करोड़ 75 लाख रुपए का गेहूं बेचा, जिसका भुगतान नहीं हुआ। इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भुगतान के लिए पत्र भी लिखे हैं।
कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना का कहना है कि जिन व्यापारियों ने भुगतान नहीं किया है, उनके खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। अभी सनावद मंडी में 100 किसानों का 4 करोड़ 81 लाख रुपए का भुगतान कराया है और साईनाथ ट्रेडर्स के विरुद्ध एफआईआर करवा दी है।o
साढ़े 3 करोड़ की मक्का लेकर गायब
बुरहानपुर कृषि उपज मंडी में 30 किसानों से 3.50 करोड़ रुपए का मक्का खरीदकर व्यापारी गायब हो गया। इस मामले में कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई कि जब नियम है कि जब तक किसान को भुगतान नहीं हो जाता, तब तक माल मंडी से बाहर नहीं जाएगा। यह माल कैसे मंडी से बाहर गया। इस बारे में मंडी बोर्ड के अध्यक्ष श्रीमन शुक्ला ने भी जानकारी बुलाई है। भोपाल में इसी तरह के मामले में 40 लाख रुपए के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।
2 लाख नकद भुगतान का प्रावधान
प्रदेश की 257 मंडियों में निजी खरीदी यानी व्यापारियों द्वारा बोली लगाकर खरीदे गए अनाज का 2 लाख रुपए नकद भुगतान किए जाने का प्रावधान है। नकद भुगतान न किए जाने की स्थिति में आरटीजीएस से भुगतान किए जाने की व्यवस्था है। गड़बड़ी इसी तरह के भुगतान में आ रही है, जिसमें 6 से 7 दिन का समय लगता है।
ढाई करोड़ का चना-गेहूं लेकर गायब
मंदसौर में किसानों से व्यापारियों ने लहसुन खरीदा, जिसका डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान होना बाकी है। देवास मंडी में 2019 में किसानों से 2.50 करोड़ रुपए का चना और गेहूं लेकर व्यापारी गायब हो गया। हरदा की खिरकिया मंडी में 60 किसानों के गेहूं और चना खरीदकर व्यापारी गायब है। पौने दो करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हुआ।