Farmers Movement : किसानों का दिल्ली कूच शुरू, सरकार की बातचीत असफल, 

दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बॉर्डर सील, कई जिलों में इंटरनेट बंद!  

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Farmers Movement : किसानों का दिल्ली कूच शुरू, सरकार की बातचीत असफल, 

New Delhi : सोमवार रात किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई। चंडीगढ़ में साढ़े 5 घंटे चली मीटिंग फेल होने के बाद आज सुबह से किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया। किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर के मुताबिक, किसानों की मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। मन में खोट है और वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हम सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे, लेकिन आंदोलन पर कायम हैं। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत के जरिए सब बातों का हल निकलना चाहिए। कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है।

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आंदोलन को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बॉर्डर सील कर दी गई। हरियाणा के 7 और राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद है। 15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है। हरियाणा और दिल्ली की सिंघु-टीकरी बॉर्डर, यूपी से जुड़ी गाजीपुर बॉर्डर सील कर दी गई हैं। दिल्ली में भी कड़ी बैरिकेडिंग है। यहां एक महीने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। भीड़ जुटने और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर रोक लगा दी है।

ट्रैक्टरों पर दीप सिद्धू के पोस्टर 

किसानों के दिल्ली कूच में आए ट्रैक्टरों पर दीप सिद्धू के पोस्टर लगे हैं। दीप सिद्धू पिछले आंदोलन में खूब एक्टिव रहा। लाल किला हिंसा में भी दीप सिद्धू शामिल था। हालांकि, कुछ समय पहले एक्सीडेंट में दीप सिद्धू की मौत हो गई थी।

हरियाणा को कश्मीर बना दिया

किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि सरकार ने हरियाणा को कश्मीर बना दिया। हरियाणा सरकार हर गांव में पुलिस भेज रही है। हरियाणा के हर गांव में वाटर कैनन भेजे हैं। हरियाणा के हर गांव में पटवारी जा रहे हैं। किसानों के रिश्तेदारों व परिवार को तंग किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आपका बेटा डॉक्टरी कर रहा है, उसे करने नहीं देंगे, डिग्री पूरी नहीं होने देंगे। भाई नौकरी कर रहा है तो उसे नौकरी से निकाल देंगे। पासपोर्ट रद्द करने की धमकी दे रहे हैं। पंजाब हरियाणा राज्य नहीं इंटरनेशनल बॉर्डर बन गए।

सड़कें तो सरकार ने रोकी 

किसानों का कहना कि हमने सड़कें नहीं रोकी, सरकार ने रोकी है। उन्हें पूछना चाहिए कि किस के फैसलों से 10-10 फीट ऊंची दीवारें व कील लगाए गए हैं। उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने ये क्या किया है। किसान सड़क ब्लॉक करने के हक में नहीं। सरकार ने दो साल पहले कहा था एमएसपी कमेटी बनाएंगे। लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमारे सवालों के सरकार के पास जवाब नहीं है। एमएसपी पर बीते दो सालों से एक भी बैठक नहीं हुई।

378 दिन चला था पिछला किसान आंदोलन

किसानों का आंदोलन इससे पहले 17 सितंबर 2020 को हुआ था। किसानों ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन चलाया था। यह आंदोलन 378 दिन चला। दावा किया गया कि इस आंदोलन में 700 किसानों की मौत हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व पर तीनों कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया, इसके बाद किसानों ने 11 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया था।