किसानों का रुख तिलहन फसल की और, जीरे की कीमतों में भारी उछाल

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किसानों का रुख तिलहन फसल की और, जीरे की कीमतों में भारी उछाल

देश के दो प्रमुख जीरा उत्पादक राज्यों के किसानों का रुख जीरे की खेती की बजाय तिलहन फसल की बुआई की और मुड़ने तथा उत्पादन में कमी के अनुमानों से जीरे की कीमतों में भारी उछाल आ गया। भारत के दो प्रमुख जीरा राज्य गुजरात और राजस्थान के किसान बीते एक वर्ष में तेजी से तिलहन फसल अरंडी और सरसों की बुआई की और मुडे हैं, जिससे जीरे की कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है।

मसाला बोर्ड के अनुसार राजस्थान में इस साल सीजन के दौरान जीरे की बुआई 5.39 लाख हेक्टेयर रही है जो पूर्व के वर्ष में 7.7 लाख हैक्टेयर रही थी। इसमें 30 प्रतिशत कमी दर्ज की गई, वहीं गुजरात जो कि प्रमुख उत्पादक राज्य है वहां बुआई पूर्व के वर्ष 4.70 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.40 लाख हेक्टेयर रही जो कि पूर्व के वर्ष में 4.70 लाख हेक्टेयर में की गई थी। बुआई रकबे में कमी से उत्पादन घटने की आशंका के कारण देश की प्रमुख मंडी ऊंझा में जीरे की स्पाट पर कीमते उछल कर 18,280 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गई जो कि जुलाई के अंत में 13,620 रुपए पर थी।

बीते छ: माह में जीरे की कीमतों में 34 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है। जनवरी 2021 में जहां कीमत 12,960 रुपए प्रति क्विंटल थी। इस आधार पर देखा जाए तो कीमतों में 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी अब तक दर्ज की गई है। एनसीडीईएक्स पर वायदा में जीरे के मार्च 2022 कांट्रेक्ट 19410 और अप्रैल के सौदे 19,550 रुपए के भाव पर हुए हैं। कारोबारियों का मानना है कि उत्पादक क्षेत्रों में मौसम अनुकूल नहीं रहने से भी जीरे की पैदावार में कमी की आशंका से कीमतों में तेजी की स्थिति बनी हैं। बुआई रकबे में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट का असर भी कीमतों में तेजी को हवा दे रहा है, पर ऊंची कीमतों के कारण बाजार में निर्यात मांग कमजोर है।

उत्पादक क्षेत्र के कारोबारियों का मानना है कि चालू सीजन में जीरे की पैदावार 60 से 65 लाख बैग (55 किलो प्रति बैग) रह सकती है। बीते वर्ष का कैरी फारवर्ड (बकाया) स्टाक 25 लाख बैग का बताया जा रहा है। वहीं बीते वर्ष में जीरे की बम्पर पैदावार 93 लाख बैग और कैरी फारवर्ड स्टाक 20 लाख बैग का रहा था। मसाला बोर्ड का मानना है कि जीरे की तुलना में सरसों और अरंडी की कीमत आकर्षक होने से जहां राजस्थान के जीरा उत्पादक किसान सरसों फसल की और मुड गए तो गुजरात के किसानों ने अरंडी की बुवाई अधिक की है। इंदौर किराना बाजार में जीरे के भाव (प्रति किलो) राजस्थान 182 से 191 ऊंझा हल्का 190 से 195 मीडियम 198 से 204 और 210 से 220 रुपए के भाव हैं।
(जो ब्लैक हैं वो करेक्शन कर दें!)

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बसंत पाल

लेखक वरिष्ठ पत्रकार और कारपोरेट, कमोडिटी मार्केट के जानकार हैं। इन विषयों पर तीन दशकों से निरंतर लेखन कर रहे हैं। आर्थिक मामलों के समीक्षक होने के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी सम्बद्ध रहे।
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