FASTag : फास्टैग व्यवस्था से सरकार का खजाना लबरेज हुआ! 

2022 में फास्टैग से टोल कलेक्शन 46% बढ़कर 50,855 करोड़ पहुंचा! 

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FASTag : फास्टैग व्यवस्था से सरकार का खजाना लबरेज हुआ! 

 

New Delhi : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को शुल्क वाले प्लाजा पर फास्टैग के उपयोग से बड़ा फायदा हुआ। हाइवे पर सफर करना आसान होने के साथ सरकार का खजाना भी ज्यादा भराया। केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल प्लाजा पर बिना रुके टोल चुकाने के लिए फास्टैग व्यवस्था शुरू की थी। साल 2022 में फास्टैग से टोल कलेक्शन 46% बढ़कर 50,855 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इसमें राज्य राजमार्गों का टोल प्लाजा का कलेक्शन भी शामिल है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
शुल्क वाले टोल प्लाजा पर 2021 में फास्टैग के जरिए 34,778 करोड़ का टोल कलेक्शन हुआ था। NHAI की और से दी गई जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्गों के शुल्क वाले प्लाजा पर दिसंबर 2022 में फास्टैग से मिलने वाला हर दिन का औसत टोल कलेक्शन 134.44 करोड़ रुपए रहा और एक दिन का सबसे ज्यादा कलेक्शन 24 दिसंबर 2022 को 144.19 करोड़ रुपए था।

2022 में 48% टोल कलेक्शन की बढ़ोतरी
सरकारी बयान के मुताबिक, फास्टैग लेनदेन की संख्या भी 2022 में सालाना आधार पर करीब 48 फीसदी बढ़ी। 2021 और 2022 में यह संख्या क्रमश: 219 करोड़ रुपए और 324 करोड़ रुपए थी। केंद्र सरकार ने 16 फरवरी 2021 से सभी निजी और वाणिज्यिक वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य बना दिया है. जिन वाहनों पर वैध या चालू फास्टैग नहीं होता उन्हें जुर्माने के रूप में टोल शुल्क की दोगुनी राशि का भुगतान करना पड़ता है.

टोल प्लाजा पर भीड़ हुई काफी कम
अब तक 6.4 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं। 2022 में देश में फास्टैग के जरिए शुल्क काटने वाले प्लाजा की संख्या भी बढ़कर 1,181 (323 राज्य राजमार्ग प्लाजा समेत) हो गई, जो 2021 में 922 थी। फास्टैग की मदद से शुल्क वाले प्लाजा पर इंतजार का समय काफी कम हो गया। क्योंकि, इस व्यवस्था में शुल्क जमा करने के लिए टोल बूथ पर रूकने की जरूरत नहीं पड़ती।