Fat in Laddu Controversy : तिरुपति के लड्डू विवाद की जांच 5 सदस्यों की SIT करेगी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला!
लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, अदालत को राजनीति का युद्धक्षेत्र न बनाएं!
New Delhi : शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के पांच सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया जिसमें सीबीआई, पुलिस और FSSAI के अधिकारी शामिल होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। हम अदालत को राजनीतिक युद्धक्षेत्र के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यदि आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि एसआईटी जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाए। 30 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए।
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एन चंद्रबाबू नायडू का लड्डू में चर्बी का दावा
तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के कथित इस्तेमाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली याचिका समेत अन्य दूसरी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सामने आया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि राज्य में पिछली जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति में लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का उपयोग किया गया, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।
अदालत ने दूषित घी के उपयोग का प्रमाण मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लैब रिपोर्ट बिल्कुल स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि इस बात का क्या सबूत है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया। सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद अब इस मामले की परतें नए सिरे से खुलेंगी!