Father is Unfit Then Son Gets Job : अनफिट बैंक कर्मचारी के बेटे को नौकरी दी जाए, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला!

जानिए, हाईकोर्ट ने यह अनुकंपा नियुक्ति का आदेश क्यों दिया!

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Father is Unfit Then Son Gets Job : अनफिट बैंक कर्मचारी के बेटे को नौकरी दी जाए, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला!

Jabalpur : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक बैंक कर्मचारी के मानसिक बीमारी के कारण वीआरएस लेने पर उसके बेटे को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने बैंक को आदेश का पालन करने के लिए दो महीने का समय दिया। यह मामला सागर के बिलाल अख्तर द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है।

घटना के अनुसार एक बैंक कर्मचारी को मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित कर दिया गया था। बेटे ने पिता की जगह नौकरी देने के लिए अपील की, जिसे बैंक ने खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सागर के रहने वाले मोहम्मद इकबाल सेंट्रल बैंक में स्पेशल असिस्टेंट थे। 55 साल की उम्र में उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं होने लगीं। बैंक के मेडिकल बोर्ड ने उन्हें काम करने के लिए मानसिक रूप से अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद इकबाल ने वीआरएस ले लिया। इकबाल के बेटे बिलाल अख्तर के मुताबिक, उनके पिता ने वीआरएस लेते समय बैंक में उनके लिए अनुकंपा नियुक्ति का आवेदन दिया था। बैंक ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, इसलिए यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा।

हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि मोहम्मद इकबाल के स्थान पर उनके बेटे बिलाल अख्तर को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए। कोर्ट ने बैंक को दो महीने के अंदर इस आदेश का पालन करने का निर्देश दिया है। दरअसल, कर्मचारी को न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। इसलिए बैंक बोर्ड ने इकबाल को काम न करने की सलाह दी।

उन्होंने अपने बेटे को अपनी जगह अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग की, जिसे बैंक प्रबंधन ने नहीं माना। इस पर जबलपुर हाईकोर्ट ने बेटे को नियुक्ति देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने बैंक को कड़क शब्दों में आदेश सुनाया, जिस पर उन्हे दो महीने में अमल करना है।