Father Worried About Compensation : बेटे की मौत की क्षतिपूर्ति के लिए राऊ तहसील के 2 साल से चक्कर लगा रहा पिता!

जनवरी 2013 में पुताई करते समय गिरने से हुई थी मौत!

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Father Worried About Compensation : बेटे की मौत की क्षतिपूर्ति के लिए राऊ तहसील के 2 साल से चक्कर लगा रहा पिता!

Indore : जवान की मौत की क्षतिपूर्ति के लिए एक बुजुर्ग पिता 2 साल से अधिक समय से राऊ तहसील दफ्तर के चक्कर लगा रहा है। लेबर कोर्ट ने क्षतिपूर्ति का आदेश पारित कर दिया। अक्टूबर 2022 में राऊ तहसीलदार ने भी आरोपियों से क्षतिपूर्ति की राशि के नोटिस जारी किए, लेकिन आज तक क्षतिपूर्ति की राशि की वसूली नहीं की जा सकी।
बुजुर्ग पिता पूरे परिवार का पालन करने वाले जवान बेटे की मौत की क्षतिपूर्ति के लिए राऊ तहसील दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर है। लेकिन, इसके बाद भी उसे राशि नहीं दिलवाई जा सकी। बुजुर्ग कुंदनलाल यादव ने बताया कि जनवरी 2013 में द्वारकापुरी में पुताई करते समय बिजली के तार पर गिरने से उनके बेटे सचिन (22) की मौत हो गई थी। वह ठेकेदार सचिन गाढ़ेकर के माध्यम से देवीलाल पोरवाल के घर काम कर रहा था।

बेटे सचिन ने काम खतरनाक होने का बताते हुए काम करने से इंकार किया था। लेकिन, ठेकेदार और मकान मालिक द्वारा मचान की उचित व्यवस्था करने और दबाव डालने पर सचिन ने कार्य करना स्वीकार किया। तभी अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह बिजली के तार पर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए लेबर कोर्ट ने 5,36,000 की राशि तय की है। यह राशि राऊ तहसील दफ्तर द्वारा वसूल करवा के दिलवाई जाना है। लेकिन, राऊ तहसीलदार धीरेंद्र सोनी इतने गंभीर मामले के बाद भी राशि वसूल करवाने में आनाकानी करते नजर आ रहे हैं।

परिवार में एकमात्र कमाने वाला
बुजुर्ग के पिता कुंदनलाल यादव ने बताया कि सचिन पूरे परिवार का पालन करता रहा है। वह एकमात्र घर में कमाने वाला व्यक्ति था। लेकिन, अब वह नहीं रहा और तहसीलदार क्षतिपूर्ति की राशि वसूल करवाकर दिलवाने में आनाकानी कर रहे हैं। क्षतिपूर्ति की राशि मिलने के बाद भी मेरा बेटा थोड़ी वापस आ जाएगा। लेकिन, परिवार को राहत तो मिलेगी।

मिल रही तारीख पर तारीख
बुजुर्ग कुंदनलाल ने बताया कि राऊ तहसील से सिर्फ तारीख पर तारीख मिल रही है। एक बार करीब 25000 दिलवाने की बात भी सामने आई, लेकिन 5 लाख 36 हजार में से 25 हजार दिलवाले के कारण मैंने यह राशि लेने से इनकार कर दिया। अब इस उम्र में चक्कर लगाने को मजबूर हूं।