पिता के पदचिन्हों पर पितृ भक्त विश्वास…

927

पिता के पदचिन्हों पर पितृ भक्त विश्वास…

मातृ-पितृभक्त पुत्रों की जब बात होती है तो श्रवण कुमार का नाम अक्सर ही जुबान पर आ जाता है। वह बात त्रेतायुग की है। श्रवण कुमार एक पौराणिक चरित्र है। ऐसा माना जाता है कि श्रवण कुमार के माता-पिता अंधे थे। श्रवण कुमार अत्यंत श्रद्धापूर्वक उनकी सेवा करते थे। एक बार उनके माता-पिता की इच्छा तीर्थयात्रा करने की हुई। श्रवण कुमार ने कांवर बनाई और उसमें दोनों को बैठाकर कंधे पर उठाए हुए यात्रा करने लगे। यह एक ऐसा आदर्श उदाहरण है कि कलियुग में भी जब मातृ-पितृ भक्ति की बात होती है, तो श्रवण कुमार सबसे पहले याद आते हैं।

विश्वास सारंग

आज हम बात कर रहे हैं नरेला विधायक और मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की। पिता स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग की सेवा करने में विश्वास सारंग ने भी अपना सर्वस्व समर्पण कर दिया। तन-मन-धन सब है तेरा…की तर्ज पर विश्वास ने अपने पिता की सेवा में दिन-रात एक कर दिया था। पितृभक्ति ऐसी कि जब-जब पिता अस्वस्थ हुए, तब-तब विश्वास फूट-फूट कर रोए। पिता के प्रति समर्पण ऐसा कि यदि ईश्वर पिता की जान बचाने के बदले कुछ भी मांगते, तो विश्वास बिना एक पल सोचे सर्वस्व न्यौछावर कर देते। पर उम्र और पिता की अस्वस्थता के आगे किसी की न चली और 14 नवंबर 2020 को मुम्बई में कैलाश सारंग ने अंतिम सांस ली। और तब विश्वास ने पिता के पदचिन्हों पर चलकर जनसेवा को अपने जीवन का परम उद्देश्य बना लिया और अपने नाम में पिता का नाम शामिल कर विश्वास कैलाश सारंग बन गए। पिता की जयंती को विश्वास अब मातृ-पितृ भक्ति दिवस के रूप में मनाते हैं और पूरी विधानसभा के बुजुर्गों के पैर पखारकर आशीर्वाद लेकर माता-पिता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 2 जून 1934 को रायसेन जिले के डूमर गांव में जन्मे कैलाश नारायण सारंग की 89वीं जयंती पर विश्वास का यह भाव उन्हें और क्षेत्र के बुजुर्ग माताओं-पिताओं को भावुकता से भर गया। भाजपा के संस्थापक और मीसाबंदी रहे कैलाश सारंग पीएम नरेंद्र मोदी पर ‘नरेंद्र से नरेंद्र’ शीर्षक से पुस्तक के लेखक भी थे। वह 1990 से 1996 तक राज्यसभा सदस्य रहे थे।

images 3

पुत्र विश्वास के पिता कैलाश सारंग के प्रति भाव उन्हीं के शब्दों में जैसा उन्होंने ट्वीट कर अभिव्यक्त किया।
“हमारा अभिमान हमारा स्वाभिमान है पिताजी।
परिवार की धरती आसमान है पिताजी।
आपने ही सबको साथ लेकर चलना सिखाया।
आपने ही दूसरों का सहारा बनना सिखाया।
आपसे ही जीवन को नई दिशा मिली है।
आपसे ही जनसेवा की प्रेरणा मिली है।
हर दिन हर पल साथ आपका आशीर्वाद है।

कैलाश के सेवापथ पर चल रहा आपका विश्वास है। आपका विश्वास है…।”
स्व. कैलाश सारंग की जयंती पर सम्पूर्ण देश में मातृ-पितृ भक्ति दिवस मनाया गया। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने नरेला विधानसभा के सभी वार्डों में बुजुर्गों की पूजा अर्चना कर पैर पखारे, आरती उतारी और आशीर्वाद लिया। संपूर्ण देश में सभी व्यक्ति से अपील कर कहा कि “हमारे माता पिता ही हमारे भगवान के समान है। हमारे आसपास रहने वाले बुजुर्ग भी हमारे माता पिता के समान ही है।” नरेला विधानसभा में 35 हज़ार से अधिक बुजुर्गों का सम्मान कर विश्वास सारंग ने पिता की जयंती को मातृ-पितृ भक्ति दिवस के रूप में चरितार्थ कर दिया। सारंग के आह्वान पर नरेला विधानसभा के प्रत्येक घर में युवाओं ने अपने माता-पिता के पांव पखार कर उनका सम्मान किया। मातृ-पितृ भक्ति की मिसाल पेश करते हुए हर वर्ग एवं हर समाज के लोगों ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। सोशल मीडिया पर हैशटैग #मातृपितृभक्ति_दिवस के साथ युवाओं ने अपने माता-पिता को सम्मानित कर उनके फोटो-वीडियो फेसबुक,ट्विटर समेत विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किये। स्व. कैलाश सारंग की जयंती को देश भर में ‘मातृ-पितृ भक्ति दिवस’ के रूप में मनाया गया। कायस्थ महासभा द्वारा अनेक स्थानों पर भोजन पैकेट, राशन, फल वितरण किया और  वृद्धजनों को सम्मानित किया। वहीं कई स्थानों पर स्व. श्री सारंग की स्मृति में वृक्षारोपण एवं चिकित्सा शिविरों का भी आयोजन किया गया।

पितृ भक्ति करते विश्वास को खुद मैंने भी देखा है और पिता के प्रति उनके समर्पण के वह पल हमेशा हमारी स्मृति में जिंदा हैं। तो माता-पिता के प्रति विश्वास के यह भाव हर पुत्र को मातृ-पितृ भक्ति करने को प्रेरित करते रहें और कर भी रहे हैं। यहां हमारे मित्र-अनुज अनुराग अमिताभ का जिक्र भी पितृ भक्त के रूप में सर्वथा उचित है। तो विश्वास पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए जनसेवा करते रहें और पितृ भक्त विश्वास का यह श्रेष्ठ भाव हर पुत्र के दिल में बना रहे, यही कामना और विश्वास है…।