Chhatarpur : जिले का एक गांव चौका आज खंडहर है। कभी यह गांव भी आबाद था, पर आज यहां सन्नाटा पसरा है। अब यहाँ कोई नहीं रहता। इसकी वजह भी अजीब है। बताया जाता है कि भूत-प्रेत दिखने और अनहोनी घटनाओं (Untoward Incidents) की वजह से गांव पूरी तरह खाली हो गया। अब यहाँ सिर्फ चार बूढ़े रहते हैं। लेकिन, प्रशासन ने कभी गांव के खाली होने की वजह जानने की कोशिश नहीं की। लगातार घटती अप्रिय घटनाओं के कारण लोग गांव से चले गए है। गांव के लोगों का कहना है कि गांव में भूत-प्रेत और असंतृप्त आत्माओं का डेरा (Den of Ghosts and Unsaturated Spirits) है। यही वजह है कि पूरा का पूरा गांव खाली हो गया। छतरपुर से 40 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गांव चौका 15 साल पहले तक पूरी तरह आबाद था। गांव में करीब 100 मकान बने थे, जिनमें परिवार रहते थे। यहां की आबादी भी 400 के आसपास थी। आम गांव की तरह यहाँ भी सब सामान्य था। अचानक गांव में लोगों को कुछ अनजान साए दिखाई देने लगे। यहाँ के लोग बीमार होने लगे, कई की मौत भी हो गई। बच्चों से लेकर गांव में रहने वाले जवान लोग बीमार हो रहे थे।
गांव के लोगों का कहना है कि अब गांव में सिर्फ 4 लोग ही रहते हैं। वे भी बुजुर्ग जिनकी उम्र 70 से अधिक है। लोग एक-एक करके पलायन कर गए। लेकिन, न तो गांव में प्रशासन का कोई अधिकारी आया और न किसी ने यह जानने की कोशिश की कि आखिर गांव के लोग गांव छोड़कर क्यों भाग रहे हैं। गांव में न आरआई आया और न पटवारी आया।
ऐसी घटनाओं के बाद गांव खाली होने लगा। बताते हैं कि गांव की महिलाएं भी अजीबो-गरीब हरकतें करने लगी। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक गांव के लोगों को क्या हो गया! देखते-देखते पूरा गांव खाली हो गया। आज गांव पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो गया है। आज भी गांव वाले यहां आने से कतराते हैं। उनके मन का डर अभी खत्म नहीं हुआ।