सेमीफाइनल में लग रहा पूरा दम …

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नगरीय निकाय चुनावों में प्रदेश के दो प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस ने पूरी दम लगा दी है। और अभी तक विधानसभा चुनावों के समय ओवैसी दूसरे राज्यों का रुख करते थे, लेकिन मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों में ही उनकी धमाकेदार एंट्री हो रही है। ओवैसी के आने से कांग्रेस खफा है। भाजपा-बी टीम बताते हुए कांग्रेस ने ओवैसी को आइना दिखाया है कि मध्यप्रदेश में उनका आना बेकार जाएगा।
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तो देखने वाली बात यह है कि ओवैसी फैक्टर मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में क्या गुल खिलाता है? वैसे भी विधानसभा चुनाव में जहां भी ओवैसी अपने दल के संग गए, वहां बाद में परिणामों का आकलन ओवैसी फैक्टर के साथ हुआ। निष्कर्ष यही निकला कि ओवैसी न आते तो भाजपा की जीत में संशय बरकरार रहता। ओवैसी के आने से लगता यही है कि बाद में विश्लेषण यही होगा कि यदि ओवैसी न आता, तो परिणाम कांग्रेस के पक्ष में रहते। एक प्रेरणास्पद वाक्य हाल ही में पढ़ने को मिला था कि ” जो लोग निंदा से भय खाते हैं, वह महान कार्य नहीं कर पाते..”। यह वाक्य ओवैसी के लिए भी प्रेरणा का काम कर रहा है।
जहां जाते हैं, वहीं उन्हें निंदक मिलते हैं, पर ओवैसी अपना काम करने में जरा भी विचलित नहीं होते। फिलहाल ओवैसी के आने के बाद इस बात पर मुहर लग गई है कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में सभी दलों की प्रतिष्ठा दांव पर है। 2022 जुलाई और 2023 जुलाई के बीच का एक साल का फासला भाजपा-कांग्रेस के लिए खुद का आकलन करने वाला रहेगा। और फिर ओवैसी का चेहरा भी सभी को दिखेगा। वैसे यह चुनाव परिणाम मध्यप्रदेश में ओवैसी के सिलेक्शन और रिजेक्शन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेंगे। यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि मध्यप्रदेश का मुस्लिम मतदाता ओवैसी की अपील को कितना तवज्जो देता है।
SHIVRAJ JI
मध्यप्रदेश में 27 जून की तारीख दो अतिमहत्वपूर्ण स्वागत समारोहों की साक्षी भी बनी। पहला स्वागत समारोह सीएम हाउस में। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास, भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में निर्विरोध नव-निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। तो छतरपुर, पन्ना और सागर के मतदाताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज का भी ऐतिहासिक स्वागत किया।

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का रोड शो सागर में मेयर केंडिडेट संगीता सुशील तिवारी के जनसमर्थन में था, इसमें मंत्री गोपाल भार्गव,भूपेंद्र सिंह, गोविंद राजपूत, विधायक शैलेन्द्र जैन, जिलाध्यक्ष गौरव सीरोठिया और डॉ सुशील तिवारी के साथ शिवराज ने मत भाजपा प्रत्याशियों को देने की अपील की। तो दूसरा स्वागत इंदौर में रणजी विजेता का गौरव दिलाकर वापस आई रणजी क्रिकेट टीम का रहा। मध्यप्रदेश सरकार और भाजपा संगठन ने टीम के भव्य स्वागत की घोषणा की थी, लेकिन बाजी मार ली भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने। उन्होंने इंदौर की धरती पर ट्रॉफी लेकर आई रणजी क्रिकेट टीम के रणबांकुरों का शाही स्वागत किया और फोटो सेशन भी जोरदार रहा।
तो इन स्वागत समारोहों के बीच मूल बात यही है कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस ने दिन-रात एक कर दिया है। अब अंततः जाति-समाजों के समीकरण पर फोकस हो रहा है। भाजपा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा पर दारोमदार है, तो कांग्रेस में कमलनाथ ही सौ के बराबर एक बन चुनाव प्रचार में जुटे हैं। एक-दूसरे पर आरोपों के तीर बराबरी से चल रहे हैं। अब इंतजार ओवैसी का है, जो राजधानी भोपाल आकर मुस्लिम मतदाताओं पर अपनी सीधी-टेढी नजर डालने वाले हैं।