गर्व से भर रहा है चांद के बाद सूर्य मिशन…

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गर्व से भर रहा है चांद के बाद सूर्य मिशन…

कौशल किशोर चतुर्वेदी की खास रिपोर्ट 

भारत के वैज्ञानिक इसके लिए साधुवाद के हकदार हैं कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद आदित्य एल-1 मिशन की सफल लॉन्चिंग हो गई है। इसरो ने कहा है कि आदित्य-एल1 ने बिजली पैदा करना शुरू कर दिया है। सौर पैनल तैनात हैं। कक्षा को ऊपर उठाने के लिए पहली अर्थबाउंड फायरिंग तीन सितंबर को लगभग 11:45 बजे यानि 24 घंटे बाद निर्धारित है। तो यह 24 घंटे हमें गौरव से भरेंगे, यह हमारा विश्वास है।

इसरो के सूर्य मिशन आदित्य-एल1 की सफल लॉन्चिंग पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी माधवन नायर ने कहा कि पीएसएलवी एक्सएल ने हमेशा की तरह अपना काम किया है। यात्रा वास्तव में कठिन होने वाली है। हमें अंतरिक्ष यान के प्रक्षेप पथ पर कड़ी नजर रखनी होगी। सूर्य का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जीवन के निर्वाह के लिए ऊर्जा का स्रोत है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे। प्रयास जारी रहें, यही महत्वपूर्ण है।और भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य एल1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा- मैं आदित्य-एल1 मिशन लिए पीएसएलवी को बधाई देता हूं। अब से, मिशन एल-1 बिंदु से अपनी यात्रा शुरू करेगा। यह लगभग 125 दिनों की बहुत लंबी यात्रा है। यह 125 दिन की यात्रा नए साल यानि 2024 में हमें खुशखबरी ही सुनाएगी, यही उम्मीद है। पर हमारे लिए आगामी 24 घंटे भी विश्वास से भरे हैं।

इसरो के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को अंतरिक्ष में ‘लैग्रेंज प्वाइंट’ यानी एल-1 कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके बाद यह ये सैटेलाइट सूर्य पर होने वाली गतिविधियों का 24 घंटे अध्ययन करेगा। एल-1 सैटेलाइट को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर स्थापित किया जाएगा।आदित्य-एल1 अंतरिक्ष यान पीएसएलवी रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया है। इसरो ने यह जानकारी दी है। भारत के पहले सोलर मिशन आदित्य-एल1 को आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) शार से लॉन्च किया गया। इसरो के मुताबिक, पीएसएलवी के अलगाव का तीसरा चरण पूरा हो चुका है। कांग्रेस ने कहा है कि इसरो ने देश को गौरवान्वित होने के अनेक मौके दिए हैं। चंद्रयान-3 के बाद इसरो ने आदित्य एल-1 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर फिर से देश का मान बढ़ाया है। इसरो की पूरी टीम को शुभकामनाएं। कांग्रेस का यह संदेश पूरे देश और इसरो के लिए गौरव से भरने वाला है, भले ही वह वर्तमान सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम जुबां पर न लाएं।

यह भारत का पहला सोलर मिशन है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। इसरो के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग पर कहा कि यह इसरो और भारत के लिए एक बड़ा कदम है। नई अंतरिक्ष नीति के साथ इसरो अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू तारामंडल में प्रोग्रामिंग मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने आदित्य एल-1 पर कहा कि अन्य देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां पहले ही सूर्य पर अवलोकन कर चुकी हैं। भारत के पास सूर्य वेधशाला नहीं है। आदित्य एल-1 के साथ भारत भी सूर्य पर अवलोकन करेगा, जो हमें अंतरिक्ष के मौसम और आगामी अंतरिक्ष अभियानों को समझने में मदद करेगा।

तो चांद के बाद सूरज की यह यात्रा हम सब 140 करोड़ से ज्यादा भारतीयों को गर्व से भर रही है। हम सब विश्वास से भरे हैं कि हम कामयाब होंगे। हम पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाएंगे। सरकार किसी भी दल की हो, पर इसरो की अपनी यात्रा भारत को पूरी दुनिया में शीर्ष स्थान पर स्थापित कर अपने कर्तव्य का निर्वहन करेगी। 24 घंटे बाद दुनिया को यह संदेश मिल जाएगा। चांद के बाद सूर्य को फतह करने का यह मिशन हम सभी भारतवासियों को गर्व से भर रहा है…।