CM की नाराजगी के बाद भी खाद संकट बरकरार, हंगामे को मजबूर किसान
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी के बाद भी कृषि और किसान कल्याण तथा मार्कफेड के अफसर किसानों को खाद उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। हालात यह हैं कि प्रदेश में चौतरफा यूरिया और डीएपी खाद को लेकर किसानों के हंगामे की स्थिति बन रही है। पिछले माह सीएम चौहान ने खाद की कालाबाजारी और अनियमितता पर बैठक में अफसरों का प्रजेंटेशन तक देखने से मना कर दिया था कि और कहा था कि उन्हें समाधान चाहिए। जिम्मेदार अधिकारी इसके बाद भी समुचित प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं।
मंगलवार को सतना जिले के अमरपाटन विकासखंड में खाद की कमी से परेशान किसानों को थाने में एकत्र किया गया। इस क्षेत्र के परसवाही खाद गोदाम से खाद वितरित होना थी लेकिन हंगामे की स्थिति बनी तो टोकन व्यवस्था के लिए थाने की मदद ली गई और थाने भेजकर किसानों को टोकन दिलाया गया। सिंगरौली और सीधी जिले में भी खाद की किल्लत सामने आई है। सिंगरौली के लिए खाद से भरे ट्रक मंगलवार को रवाना किए गए हैं ताकि किसानों को कल तक उपलब्ध कराए जा सकें।
सागर जिले में भी यही हाल हैं। जिले के खुरई में खाद के लिए सुबह से ही एमपी एग्रो और डबल लॉक में मारामारी शुरू हो जाती है। खाद के लिए किसान रात में नई कृषि उपज मंडी परिसर में डबल लॉक के पास सोते हैं ताकि सुबह जल्दी खाद मिल सके लेकिन डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है और यूरिया खाद का वितरण अब मंगलवार को होगा। इसी तरह इंदौर जिले की सोसायटियों में खाद विक्रय बंद होने से परेशानी और बढ़ गई है। लक्ष्मीबाई अनाज मंडी स्थित सहकारी विपणन संघ के गोदाम में भी पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं है। रविवार को करीब डेढ़ सौ किसान सुबह 6 बजे से लक्ष्मी बाई नगर मंडी स्थित विपणन संघ के कार्यालय पर कतार लगा कर खड़े हो गए थे। कार्यालय खुलने पर बताया गया कि केवल 25 किसानों को ही खाद दी जाएगी । इस पर किसानों के हंगामे के बाद 50 किसानों को खाद दिया गया तथा शेष किसानों को सोमवार को खाद वितरण किए जाने के टोकन वितरित किए गए।