Fewer Women Won Elections : लोकसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी, पर जीतने वाली 3 घट गई!
देश के 8 राज्यों में कोई भी महिला उम्मीदवार चुनाव नहीं जीती!
New Delhi : लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए। इसी के साथ संसद में बैठने वाले 543 सांसदों की तस्वीर भी साफ हो गई। इन चुनावों में भारत की आधी आबादी यानी महिलाओं की उम्मीदवारी भी अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी थी। ये पहला ऐसा मौका था, जब सबसे ज्यादा 797 महिला प्रत्याशी मैदान पर थीं। इनमें से 75 महिलाएं ही चुनाव जीत सकीं, जो पिछले 2019 लोकसभा चुनाव से 3 कम हैं। तब 78 महिलाएं संसद पहुंची थीं।
केरल, गोवा समेत 8 राज्यों में एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकी। वहीं पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक 10 सीटों पर महिलाएं जीती हैं। इस बार सबसे दुखद पहलू यह है कि केरल, अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम और सिक्किम से एक भी महिला चुनाव नहीं जीत सकी। लेकिन, पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 10 सीटों पर महिला उम्मीदवारों ने जीतकर उसके महिला प्रतिनिधित्व को साबित किया है।
इस बार राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टियों की बात करें, तो 2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 16% महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया, वहीं कांग्रेस ने 13% उम्मीदवार महिलाएं थीं। आम आदमी पार्टी ने किसी भी महिला उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा था। नतीजों में भाजपा की 69 महिला उम्मीदवारों में से 31 ने जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस की 41 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, जिनमें से 13 को जीत मिली। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की 12 महिला उम्मीदवारों में से 10 ने जीत हासिल की। समाजवादी पार्टी की ओर से 5 महिलाएं इस बार सांसद चुनी गई।
आरक्षित सीटों पर इस बार 131 सीटों में से 18 पर महिला उम्मीदवार चुनी गई हैं। इसमें अनुसूचित जाति (एससी) समुदायों के लिए आरक्षित 84 सीटों में से 13% सीटों पर महिलाओं ने जीत हासिल की। जबकि, 47 अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षित सीटों में से 15% सीटें महिला उम्मीदवारों के खाते में गईं।
महिलाओं का संसद तक पहुंचने का इतिहास
1962 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं के जीत का प्रतिशत उत्साहित करने वाला था। तब सिर्फ 74 महिलाएं चुनाव लड़ी थीं, जिनमें से 48.64% को जीत मिली थी। पिछले चुनाव 2019 में कुल पुरुष उम्मीदवार 7,334 थे, तो महिला उम्मीदवारों की संख्या 715 थी। लोकसभा चुनाव 78 महिलाओं ने जीता, जो संख्या करीब 15% थीं। इस बार 797 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। लेकिन जीत प्रतिशत 9.41% हो गया। 10 में से एक महिला उम्मीदवार चुनाव जीत रही है। इससे साफ है कि महिलाओं की राजनीति में बढ़ती भागीदारी आज भी सवालों के घेरे में है।