Field Duty Even After Punishment : कोर्ट से सजा के बाद भी आबकारी अधिकारी फील्ड में तैनात
Bhopal : आबकारी विभाग ने उन दागी अधिकारियों को फिर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी, जिन्हें कोर्ट ने दोषी ठहराकर सजा और अर्थदंड दिया था। विभाग ने जिन अधिकारियों को अवैध शराब की रोकथाम के लिए तैनात किया गया था, वे खुद ही अवैध शराब के परिवहन में संलिप्त पाए गए थे। वे नकली परमिट बनाकर राजस्व चोरी कर अवैध लाभ अर्जित करने लगे। कोर्ट ने 6 को सजा सुनाई थी, पर वे स्टे ले आए और अब विभाग ने उनमें से कुछ को फील्ड में तैनात कर दिया।
यह पूरा मामला नकली शराब परिवहन को लेकर है। इस मामले में देपालपुर की कोर्ट ने आबकारी अधिकारियों सहित 13 लोगों को दोषी करार दिया है। दोषियों को 3 साल के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। इस मामले में अधिकारियों द्वारा एक ही परमिट बुक के नंबर की कई नकली प्रतियां तैयार करा ली गई थी, जिससे वे अवैध शराब का परिवहन करते थे। इस मामले में सजा होने के बाद भी अधिकारियों को फिर तैनात कर दिया गया।
आबकारी विभाग दागी अधिकारियों पर ज्यादा मेहरबान है। जिन पर कार्रवाई होना चाहिए, उन्हें फील्ड पर तैनात कर उपकृत किया गया। ऐसे में आबकारी के आला अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों की माने तो दोषी अधिकारियों ने इस मामले में हाईकोर्ट से स्टे ले लिया है, लेकिन यदि यह मामला हाई कोर्ट चला गया है तो क्या आबकारी विभाग दोषियों को उपकृत करता रहेगा। ऐसे में तो ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों को भी इस बात से बल मिलेगा कि वे भी अवैध काम करें विभाग उन पर भी मेहरबान होगा।
मामला 2011 का है जिसमें कोर्ट का अब फैसला आया। तत्कालीन बेटमा पुलिस ने 14 दिसंबर 2011 को महू-नीमच रोड पर रायसेन की फैक्ट्री से ट्रक द्वारा गुजरात ले जाई जा रही 1200 पेटी अवैध शराब पकड़ी थी। जब शासकीय केंद्रीय मुद्रणालय से परमिट फार्म की जांच कराई गई, तो परमिट नकली पाए गए। जिससे अधिकारियों द्वारा शराब कारोबारियों से मिलकर राजस्व चोरी करके अवैध लाभ अर्जित करने की बात सामने आई। पुलिस द्वारा प्रकरण दायर कर कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जिसका फैसला हाल ही में आया है। इसमें जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चंद्र बंगाली, आबकारी उप निरीक्षक रामप्रसाद मिश्रा, आबकारी उप निरीक्षक प्रीति गायकवाड़ सहित अन्य को तीन साल सश्रम कारावास व एक हजार रुपये का अर्थदंड किया गया।
दागी अफसरों को फील्ड की जिम्मेदारी
इस मामले में तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी कैलाशचंद्र बंगाली, आबकारी उप निरीक्षक रामप्रसाद मिश्रा सेवानिवृत्त हो चुके हैं, जबकि आबकारी उप निरीक्षक प्रीति गायकवाड़ भोपाल में पदस्थ है, जिन्हें विभाग ने दोषी करार दिए जाने के बाद भी सहायक जिला आबकारी अधिकारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे रखी है।