Finance Permission: सरकारी महकमों को 30 करोड़ से अधिक राशि निकालने अब फायनेंस की अनुमति जरुरी

निर्माण और वन विभाग, केन्द्र समर्थित योजनाओं के लिए लगाए प्रतिबंध

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Finance Permission: सरकारी महकमों को 30 करोड़ से अधिक राशि निकालने अब फायनेंस की अनुमति जरुरी

भोपाल: नया वित्तीय वर्ष शुरु होते ही फायनेंस ने भारी-भरकम खर्चो पर प्रतिबंध लगा दिया है। निर्माण कार्य विभाग, वन विभाग और केन्द्र क्षेत्रीय एवं केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं हेतु अब तीस करोड़ से अधिक के बिलों के भुगतान के लिए कोषालय से राशि निकालने अब वित्त विभाग की अनुमति लेना अनिवार्य होगी।

वित्त विभाग ने प्रदेश के सभी विभागों के अपर मुख्य, प्रमुख सचिव और सचिवों तथा सभी बजट नियंत्रण अधिकारियों को निर्देश जारी किए है। इसमें कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु निर्माण कार्य विभाग, वन विभाग के देयकों सहित केन्द्र सहायित योजनाओं के लिए तीस करोड़ से अधिक राशि के देयकों के कोषालय से आहरण के लिए कुछ मदों को छोड़कर शेष सभी देयकों के आहरण हेतु वित्त विभाग से पूर्व अनुमति जरुरी होगी।

जिन मद में भुगतान के लिए राशि निकालने वित्त की अनुमति जरुरी नहीं होगी उनमें पूंजीगत मदों से संबंधित सभी आहरण शामिल है। मध्यप्रदेश वेट अधिनियम के तहत देय वापसियों से संबंधित आहरण, भू अर्जन से संबंधित राशि एवं वन संरक्षण अधिनियम 1980 के अंतर्गत वन भूमि के व्यपवर्तन के लिए आवश्यक राशि निकालने के लिए भी फायनेंस की अनुमति जरुरी नहीं होगी।

सभी प्रकार के बिलों के लिए राशि निकालने के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के अधीन रहेंगे।

प्रशासकीय विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी प्रकार के राशि की निकासी में वित्तीय अधिकारों की पुस्तिकाख् प्रत्यायोजित अधिकार का तथा अन्य नियमों का पालन करते हुए स्वीकृति के आदेश जारी किए जाए।

वित्त विभाग में प्रस्तुत किए जाने वाले आहरण अनुमति के प्रस्तावों में कई तरह की जानकारियां देना होगा। इसमें सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के आदेश की प्रति, आहरण संवितरण अधिकारी का नाम जिनके द्वारा आहरण किया जाना है। कोषालय का नाम जिसमें आहरण हेतु देयक प्रस्तुत किया जाएगा और बजट प्रावधान जो जारी किया गया है और शेष आवंटन का प्रमाणीकरण भी करना होगा।

यह प्रमाणपत्र भी देना होता कि राशि आहरण कर बैंक खाते में नहीं रखी जाएगी यह शर्त केन्द्र प्रवर्तित और केन्द्र क्षेत्रीय योजनााओं पर लागू नहीं होगी। भारत सरकार के निर्देशानुसार केन्द्र प्रवर्तित और केन्द्र क्षेत्रीय योजनाओं की राशि कोषालय से आहरित कर संबंधित एनएनए और सीएनए बैंक खाते में ही अंतरित की जाएगी योजनाअंतर्गत संचालित बैंक खाते की पासबुक की छाया प्रतियां भी संलग्न करना होगा।

विभागीय प्रस्ताव पर वित्त विभाग द्वारा राज्य शासन की समेकित तरलता, वित्तीय प्रबंधन की दृष्टि से विचार कर निर्णय लिया जाएगा वित्त विभाग द्वारा जारी आहरण छूट का अनुमति आदेश जारी होंने के पंद्रह दिन अथवा उस वित्तीय वर्ष की 31 मार्च तक ही वैध होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए है।