वित्तीय वर्ष के आखिरी दिनों में फायनेंस ने खर्चो पर कसा शिकंजा
भोपाल: वित्तीय वर्ष के नौ दिन शेष रह गए है विभाग आनन, फानन में बचे हुए बजट को खर्च करने में लगे हुए है, इस पर रोक लगाने के लिए वित्त विभाग ने नये वाहन खरीदी सहित कई अन्य मदों में बजट खर्च करने के लिए फाइनेंस की अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। सचिव वित्त ने सभी खर्चो पर नियंत्रण के लिए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए है।
सचिव वित्त अजीत कुमार ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को इस संबंध में निर्देश जारी किए है। निर्देशों में कहा गया है कि प्रदेश में चह रहे विभिन्न कार्यक्रमों, परियोजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर आवश्यक वित्तीय संसाधनों की सुनिश्चितता तथा लक्षित वित्तीय संकेतकों की सीमा में खर्च रखे जाने को ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 की शेष अवधि के लिए प्रावधानित बजट राशि में से खर्च को नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है।
वाहनों की खरीदी, लघु निर्माण कार्य, सहायक अनुदान, राजसहायता, पूंजीगत परिसम्पत्तियां निर्मित किये जाने हेतु अनुदान, सशर्त अनुदान और अन्य प्रभारों पर बजट खर्च करने के लिए अब वित्त विभाग की अनुमति लेना जरुरी होगा।
इसके अलावा कई मदों में वर्ष 2021-22में हुए वास्तविक खर्च अथवा निर्देश जारी होंने की दिनांक तक किये गए खर्च इनमें से जो कम हो की सीमा तक वर्ष 2022-23 की शेष अवधि तक खर्च की अनुमति रहेगी। इसमें कार्यालय व्यय, व्यावसायिक सेवाओं हेतु अदायगियां, अनुरक्षण कार्य, सामग्री एवं पूर्तियां के खर्च पिछले साल के खर्च की सीमा तक ही किए जा सकेंगे। इसके अलावा कई खर्चो को प्रतिबंध से मुक्त भी रखा गया है।
कोषालय से राशि निकालकर बैंक खातों में रखने पर रोक-
वित्त विभाग ने सभी विभागों के अफसरों से कहा है कि कोषालय से राशि तभी आहरित की जाए जब उसका भुगतान सीधे हितग्राही अथवा वेंडर को किया जाना हो। कोषालय से राशि आहरित कर बैंक खाते में जमा कर नहीं रखी जाए।
इन पर प्रतिबंध नहीं-
छात्रावास, आश्रम , विद्यालय, अस्पताल, जेल, पशु चिकित्सालय, आंगनबाड़ी, के संचालन हेतु आवश्यक दवाईयों और खाद्य सामग्री की पूर्ति के लिए खर्चो पर प्रतिबंध नहीं रहेगा। चिकित्सालयों में उपचार कार्य में आने वाली सामग्री, लिनिन, गॉज, बेण्डेज, पट्टी, रिएजेंट एवं अन्य सामग्री जो उपचार के उपयोग में लाई जाती है इन्हें प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है।