पंचायती राज संस्थाओं का वित्तीय अंकेक्षण अटका, टेंडर हुए निरस्त

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भोपाल: प्रदेश की पंचायती राज संस्थाओं का वर्ष 2021-22 के मासिक वित्तीय अंकेक्षण का काम अटक गया है। राज्य शासन ने इसके लिए जारी टेंडर निरस्त कर दिया है।

प्रदेश की सभी पंचायती राज संस्थाओं का हर साल मासिक वित्तीय अंकेक्षण कराना अनिवार्य होता है।

इस अंकेक्षण के दौरान यह देखा जाता है कि पंचायती राज संस्थाओं ने जो वित्तीय निर्णय लिए है और जिन कामों के लिए राशियां खर्च की है उनका समुचित उपयोग हुआ है या नहीं। जिस काम के लिए राशि आबंटित की गई है उसका उसमें खर्च हुआ है या नहीं यह भी देखा जाता है।

ऑडिट के दौरान राशि के दुरुपयोग की जानकारी सामने आती है ओर अंकेक्षक इस पर खर्च करने वाले अधिकारी से उसका पक्ष जानने के लिए आपत्ति लगाता है।

कुल मिलाकर इस अंकेक्षण का उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं में शासकीय धन के अपव्यय पर रोक लगाना है। लेकिन टेंडर निरस्त किए जाने से अब यह कार्यवाही नहीं हो पाएगी।

इसके चलते जो वित्तीय गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने की कार्यवाही है, वह बाधित होगी।