Indore : इंदौर जिले में बाणगंगा थाना नाबालिगों को ढूंढने में प्रदेश में अव्वल (Top in the State in Finding Minors) रहा है। थाना क्षेत्र के 127 नाबालिगों को घर तक पहुंचा। थाना प्रभारी राजेन्द्र सोनी के इस प्रयास से उन्हें 3 से 5 हजार रुपए तक इनाम भी मिल चुका है। इससे लगता है कि गुंडे बदमाशों पर कार्रवाई करने वाली पुलिस सामाजिक और मानवीय कार्यों में भी बढ़-चढ़कर काम करती है। यही कारण है कि अपने घर से बिछुड़े या परिजनों से नाराज होकर घर छोड़कर चले गए नाबालिगों को वापस परिजनों के पास सकुशल पहुंचाया।
2021 में विभिन्न थाना क्षेत्रों में 580 नाबालिग अपने घर आ चुके हैं। वर्ष के अंत में पुलिस के अधिकारी थानों में दर्ज अपराधों की समीक्षा के साथ लंबित प्रकरणों का निपटारा करने के आदेश थाना प्रभारियों को देते हैं। इसमें मुख्य रूप से फरार, गुमशुदा, आकस्मिक मौत के मामले का निपटारा प्राथमिकता में रखा जाता है। फरार बदमाश तो कई बार मिल नहीं पाते हैं। लेकिन, गुमशुदा में पुलिस को सफलता हासिल हो जाती है।
पुलिस आसपास के जिले ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में घर छोड़कर रह रहे नाबालिगों को समझा बुझाकर लाती और परिजनों को सौंपती है। कई बार अज्ञात लाश की शिनाख्ती करते-करते भी पुलिस गुमशुदा तक पहुंच जाती है। पुलिस उपायुक्त, क्राइम ब्रांच गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि जिले में गुमशुदा के मामले में बाणगंगा थाना अव्वल है। 99 प्रतिशत मामलों में पुलिस को सफलता मिली है। कुछ मामले लंबित है, उन्हें भी निराकृत कर लेंगे। वर्ष 2021 में 580 गुमशुदा को ढूंढा गया था।
सबसे कम लापता लसूड़िया में
शहर का लसूड़िया थाना क्षेत्र ऐसा है, जहां गुमशुदा के मामले न्यूनतम रहे हैं। यहां 15 मामले दर्ज हुए थे जिसमें से 7 लापता मिल चुके हैं। वहीं, सबसे ज्यादा बाणगंगा क्षेत्र से 130 हुए थे, जिसमें से 127 को ढूंढ निकाला है। लापता नाबालिगों ने लड़का और लड़की दोनों शामिल है। अधिकांश लापता लड़कियां ही रही है।
बहला फुसलाकर भी ले गए
इसमें वह मामले अलग हैं, जिनमें बदमाश नाबालिगों को बहला फुसलाकर ले गए। जांच के बाद पुलिस ने ऐसी नाबालिगों को भी बदमाश से छुड़ाया है। इस तरह के मामले 35 के आसपास दर्ज हुए थे।