Fine for Speaking Hindi : अंग्रेजी स्कूल में हिंदी बोलने पर फ़ाईन, मेहंदी लगाने और हिंदू रिवाजों पर रोक!
Khandwa : एक तरफ जब सरकार और हिंदी प्रेमी भाषा को लेकर गंभीर हैं। मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू की गई, वहीं खंडवा के एक अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में बच्चों को हिंदी बोलने पर जुर्माना लगता है। बाल आयोग को शिकायत मिलने के बाद शुक्रवार को एक टीम ने जांच की और शिकायतों को सही पाया। स्कूल के बच्चों ने भी बाल आयोग की टीम को सारी जानकारी दी।
बच्चों ने बताया कि कलावा पहनने पर रोक है। स्कूल प्रबंधन द्वारा हाथ मे मंदिर का कलावा बांधने, बालिकाओं को त्यौहार पर मेहंदी लगाने पर रोका जाता है।गले में धार्मिक लाकेट पहनने पर भी आपत्ति ली जाती है।
ये शिकायतें खंडवा के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल की है। शिकायत मिलने के बाद मध्यप्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग और न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने शुक्रवार को स्कूल जाकर मामले की पड़ताल की। निरीक्षण पर पहुंचे बाल आयोग की टीम ने इस दौरान कई कक्षाओं के बच्चों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि स्कूल में टीका लगा कर आने, हाथ में रक्षा सूत्र बांधने पर रोक लगाई गई है। स्कूल प्रबंधन हाथ में कलावा बांधने पर उसे कटवा देता है। हाथ में कड़ा पहनने पर भी रोक है। बालिकाओं को त्यौहार पर हाथ में मेहंदी लगाकर आने पर भी आपत्ति ली जाती है। यही कोई धार्मिक लॉकेट पहनता है तो उसे वार्निंग दी जाती है। इस स्कूल में हिंदी बोलने पर जुर्माना लगाया जाता है।
आयोग के सदस्य ओमकार सिंह राजपूत ने शिकायतों को संज्ञान में लेकर आयोग के सम्मुख रखने की बात कही है। टीम ने सीसीटीवी कैमरे के जरिए भी स्कूल की गतिविधियों को देखा। टीका लगाकर आने वाले बच्चों को मजाक बनाने की बात भी सामने आई। इस निरीक्षण के दौरान स्कूल की प्रिंसिपल सामने नहीं आई। आयोग के सदस्यों ने उनसे फोन पर बातचीत की। निरीक्षण के दौरान राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य समिति, खंडवा के सदस्य नारायण गुप्ता, विजय राठी और शिक्षा विभाग, विशेष पुलिस प्रशासन महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मौजूद थे।