Fine & Warrant on IAS : लैपटॉप जब्ती मामले में 8 साल बाद IAS पर एक हजार रुपए जुर्माना, वारंट भी जारी!
जानिए, क्या था मामला जिसमें आईएएस पर यह कार्रवाई हुई!
Bina (Sagar) : सिविल कोर्ट बीना ने तत्कालीन एसडीएम और IAS अधिकारी रजनी सिंह पर 1 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश का जानबूझकर पालन न करने और आदेश की अवहेलना करने पर की गई है। मामले के अनुसार आधार केंद्र चलाने वाले एक युवक के घर से 8 साल पहले कम्प्यूटर, लैपटॉप, स्कैनर जैसा एक लाख 40 हजार रुपए का सामान जब्त किया गया था।
बाद में इस मामले में परिवाद दायर किया गया। कोर्ट ने जब्त सामान लौटने का आदेश दिया, इसके बावजूद सामान को लौटाया नहीं गया। इसी मामले में कोर्ट ने आईएएस रजनी सिंह के पर जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने जमानती वारंट जारी करते हुए कोर्ट में हाजिर होने का आदेश भी दिया।
बीना की तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तत्कालीन तहसीलदार मोनिका बाघमारे और तहसील कार्यालय में पदस्थ ऑपरेटर जितेन्द्र रैकवार के खिलाफ पेश परिवाद में सिविल कोर्ट ने संज्ञान लिया। बीना के आचवल वार्ड निवासी परिवादी नंदकिशोर पटवा ने बताया कि वह बीना के खुरई रोड पर स्थित हिरनछिपा में आधार कार्ड बनाने का काम कर परिवार का भरण-पोषण करता था।
क्या था मामला जिसमें आईएएस उलझी
घटना के अनुसार 23 जुलाई 2016 को दुकान से आधार कार्ड बनाने के उपयोग में आने वाले लैपटॉप, कैमरा सहित अन्य उपकरण लेकर घर आया था। शाम को तत्कालीन एसडीएम रजनी सिंह, तत्कालीन तहसीलदार मोनिका बाघमारे और तहसील कार्यालय में पदस्थ ऑपरेटर जितेंद्र रैकवार घर में घुसकर उपकरण उठाकर ले गए। उपकरण एक लाख 40 हजार रुपए में खरीदे थे।
इसका विरोध करने पर झूठे मामले में फंसाकर उसे जेल भेजने की धमकी दी गई। सामान वाहन में भरकर तहसील कार्यालय ले गए थे। शिकायत करने और इच्छा मृत्यु मांगने के बाद एक मार्च 2018 को तहसीलदार ने पत्र भेजकर आधार कार्ड बनाने वाली मशीन के उपकरण एसडीएम कार्यालय की नजारत शाखा में रखे होना बताकर वापस करने का उल्लेख था।
इसके बाद एसडीएम कार्यालय से परिवादी को आइरस, फिंगर मशीन व वेब कैमरा प्रदान किया गया, लेकिन लैपटॉप नहीं दिया गया। आवेदन देने पर एसडीएम ने लैपटॉप कार्यालय में न होने की बात कही।