Finger Print Machine At Every Police Station In MP: मध्य प्रदेश के हर थाने में लगेगी फिंगर प्रिंट मशीन

NCRB को भेजा प्रस्ताव

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MP - Female Constable Allowed to Change Gender

Finger Print Machine At Every Police Station In MP: मध्य प्रदेश के हर थाने में लगेगी फिंगर प्रिंट मशीन

भोपाल: प्रदेश पुलिस अपने हर थाने में फिंगर प्रिंट मशीन लगाना चाहती है। इसके लिए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को पुलिस मुख्यायल से प्रस्ताव भेजा गया है। प्रदेश में लगभग एक हजारों थानों के लिए यह प्रस्ताव हैं। इसके जरिए पुलिस हर बदमाश और चोरों के फिंगर प्रिंट लेगी जो फिंगर प्रिंट मिलान के हाईटेक सिस्टम नेशनल आॅटोमेटेड फिंगर प्रिंट आईडेंटीफिकेशन सिस्टम (नेफीस) में काम करना शुरू कर देगा।

नेफीस से फिंगर प्रिंट मिलान का सिस्टम अपग्रेड हो गया है, नेफीस में अब तक मध्य प्रदेश में लगभग 12 लाख बदमाशों के फिंगर प्रिंट का डेटाबेस इकट्ठा चुका है। यह स्थित तब हैं जब प्रदेश में सिर्फ 83 वर्क स्टेशन पर नेफीस लगाया गया है। लाइव फिंगर प्रिंट स्कैन करके सिस्टम पर अपलोड करने से उनकी क्वालिटी और क्लियरिटी अच्छी होने डेटाबेस के फिंगर प्रिंट से मिलान जल्द और अधिक होगा। अभी थानों में स्कैनर की मदद से फिंगर प्रिंट लेकर उसे सीधे नेफीस वर्क स्टेशन पर अपलोड करना होता है, लेकिन पहले चरण में सभी मुख्यालयों समेत 83 वर्क स्टेशन होने के चलते कई बार बदमाशों के फिंगर प्रिंट इसमें अपलोड नहीं हो पाते हैं। ये 83 वर्क स्टेशन हर जिला मुख्यालय के अलावा आला अफसरों के पास है।

ऐसे में अब हर थाने में फिंगर प्रिंट के लिए स्कैनर और सिस्टम लगाया जाने का प्रस्ताव भेजा गया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा बदमाशों के फिंगर प्रिंट लिये जा सकें। थानों पर फिंगर प्रिंट लाइव भी लिये जा सकेंगे। उन्हें कागज पर लेकर नेफीस सेंटर तक नहीं जाना होगा।

NCRB ने सभी थानों में यह सुविधा देने का काम अपने दूसरे चरण में रखा है। इसके बार जेल और जिला अदालत में भी इस सिस्टम को लागू करने किया जाएगा।

अन्य राज्यों ने भी शुरू किया सिस्टम
प्रदेश में नेफीस ने दिसंबर 2021 से काम करना शुरू कर दिया है। अन्य राज्यों ने भी नेफीस पर डेटाबेस तैयार किया है। NCRB ने नेफीस को माइग्रेट कर सभी राज्यों को आपस में जोड़ा है। अभी मध्यप्रदेश के साथ गुजरात, महाराष्ट्र, केरला, उड़ीसा, जम्मू काश्मीर, आसाम, दिल्ली, कर्नाटक, राजस्थान और पंजाब जुड़े हुए हैं। जैसे की अन्य किसी राज्य का बदमाश मध्यप्रदेश में वारदात करेगा और उसके फिंगर प्रिंट डेटाबेस में पहले से उपलब्ध हैं तो घटनास्थल पर मिले फिंगर प्रिंट को सिस्टम पर डालते ही उसकी पहचान सामने आ जाएगी।