FIR Against Ex Bishop: EOW ने तत्कालीन बिशप जबलपुर, सतपुड़ा रिसॉर्ट के मालिक प्रमोद पुरी एवं अन्य के विरूद्ध FIR दर्ज की

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FIR Against Ex Bishop: EOW ने तत्कालीन बिशप जबलपुर, सतपुड़ा रिसॉर्ट के मालिक प्रमोद पुरी एवं अन्य के विरूद्ध FIR दर्ज की

भोपाल: FIR Against Ex Bishop: EOW ने तत्कालीन बिशप जबलपुर, पी सी सिंह,सतपुड़ा रिसॉर्ट के मालिक प्रमोद पुरी एवं अन्य के विरूद्ध FIR दर्ज की है।

EOW की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पूरा मामला इस प्रकार है:

नागपुर डायोसेशन ट्रस्ट एसोसिएशन, (एन०डी०टी०ए०), की पचमढ़ी स्थित भवन एवं भूमि को अत्यधिक सस्ते दरों पर लीज पर देने की शिकायत प्राप्त हुई।

डायोसिस ऑफ जबलपुर के बिशप पी.सी. सिंह एवं संपत्ति सचिव एम.के. सिंह को नहीं था उक्त संपत्ति को लीज पर देने का अधिकार।

धोखाधड़ी पूर्वक डायोसिस ऑफ जबलपुर के संपत्ति सचिव एम. के. सिंह का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराया गया।

सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक प्रमोद पुरी के साथ मिलकर बिशप पी.सी. सिंह एवं एम.के. सिंह ने चर्च की संपत्ति को कोड़ियों के भाव लीज पर देकर एन०डी०टी०ए० को पहुंचाया आर्थिक नुकसान।

प्रश्नाधीन भूमि एवं भवन होटल ग्लेन व्यू पचमढ़ी के बाजू में स्थित है, जो कि पचमढ़ी का मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र है।

EOW भोपाल को शिकायतकर्ता नितिन लॉरेंस एवं एन०डी०टी०ए० के पूर्व प्रॉपर्टी सचिव प्रशांत सत्रालकर द्वारा बिशप पी.सी. सिंह एवं अन्य के विरूद्ध एन०डी०टी०ए० के स्वामित्व की पचमढ़ी स्थित भूमि एवं भवन को बिना अधिकारिता एवं बिना एन०डी०टी०ए० व चैरिटी कमिश्नर नागपुर की अनुमति के व्यावसायिक उद्देश्य हेतु अत्याधिक सस्ते दरों पर लीज देने संबंधी शिकायत की गई।

जांच के अनुक्रम में पाया गया की चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सी०एन०आई०) के अंतर्गत (एन०डी०टी०ए०) नागपुर से पृथक होकर डायोसिस ऑफ जबलपुर एवं डायोसिस ऑफ भोपाल अलग-अलग गठित हुये थे, परंतु दोनों डायोसिस के क्षेत्रों में स्थित एन०डी०टी०ए० की संपत्तियों पर एन०डी०टी०ए० का ही अधिकार था, जिसकी देख-रेख के लिये एन०डी०टी०ए० द्वारा जबलपुर एवं भोपाल डायोसिस को पॉवर ऑफ अटॉर्नी दी जाती थी।

उक्त क्रम में दिनांक 19.02.2007 को एन०डी०टी०ए० के बिशप पॉल बी. प्रभुदास दुपारे द्वारा जबलपुर डायोसिस के तत्कालीन बिशप पी०सी० सिंह को उनके डायोसिस के क्षेत्रांतर्गत संपत्तियों की देख रेख हेतु पॉवर ऑफ अटॉर्नी दी गई। पी०सी० सिंह द्वारा उक्त पॉवर ऑफ अटॉर्नी का दुरूपयोग कर जबलपुर डायोसिस के सचिव एम०के० सिंह को अनाधिकृत अधिकार पत्र देकर, पचमढ़ी स्थित एन०डी०टी०ए० की भूमि एवं भवन जो कि पचमढ़ी के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित है, राजस्व रिकॉर्ड में एम.के. सिंह के नाम पर दर्ज करा दिया गया। जबकि उक्त भूमि डायोसिस ऑफ भोपाल के क्षेत्राधिकार में थी एवं उस पर एन०डी०टी०ए० नागपुर का स्वामित्व था एवं बिशप पी.सी. सिंह को दी गई पॉवर ऑफ अटॉर्नी के अधिकार क्षेत्र से बाहर था।

आरोपी बिशप पी.सी. सिंह द्वारा नागपुर डायोसिएशन ट्रस्ट एसोसिएशन की 1,05,837 वर्ग फीट भूमि एवं उस पर निर्मित भवन को श्री एम. के. सिंह (मृत) तत्कालीन सचिव प्रॉपर्टी कमेटी जबलपुर डायोसिस के साथ मिलकर, नागपुर डायोसिएशन की पचमढ़ी स्थित भूमि को बिना एन.टी.डी.ए. चैरिटी कमिश्नर नागपुर की अनुमति के सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक श्री प्रमोद पुरी को 14 वर्ष की लीज पर केवल 12,500/- रूपये के मासिक किराये पर दिया गया।
उल्लेखनीय है कि यह संपत्ति पचमढ़ी के मुख्य व्यावसायिक क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद अत्यधिक सस्ते दरों पर लीज पर दी गई। मेसर्स सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. से प्राप्त राशि का गबन किये जाने के आरोप प्रमाणित पाये जाने से जबलपुर डायोसिस के तत्का. विशप पी.सी. सिंह, तत्का. प्रॉपर्टी सचिव एम. के सिंह (मृत) एवं सतपुड़ा रिसॉर्ट प्रा.लि. के मालिक प्रमोद पुरी एवं अन्य के विरूद्ध धारा 120बी, सहपठित धारा 406, 420, भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर, विवेचना में लिया गया है।