FIR Against Medha Patkar : मेधा पाटकर के NGO पर करोड़ों की हेराफेरी का आरोप, मामला दर्ज!

14 साल में खाते में आए साढ़े 13 करोड़ के हिसाब में गड़बड़ी

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Land Mafia:

बड़वानी से सचिन राठौर की खास खबर

Badwani : नर्मदा बचाओ आंदोलन (NBA) की नेत्री मेधा पाटकर अपने NGO नर्मदा नवनिर्माण अभियान को मिली राशि के गबन को लेकर फंस गई। इस मामले में मेघा पाटकर सहित 11 लोगों के खिलाफ IPC की धारा 420 सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ। प्रीतम राज बड़ोले ने बड़वानी कोतवाली थाने पर FIR दर्ज कराई है।

लेकिन, इस मामले में पुलिस की चुप्पी आश्चर्यजनक है।

इस मामले में मेधा पाटकर ने कहा कि हर साल हम ऑडिट करवाते हैं। जिसने भी ऐसा किया होगा वो किसी के बहकावे में किया होगा। जिसने किया वही कानूनी कार्यवाही भी भुगतेगा।

बड़वानी कोतवाली थाने पर आज मेधा पाटकर सहित 11 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। उन पर आरोप है कि उनके द्वारा चलाए जा रहे NGO ‘नर्मदा नव निर्माण अभियान’ मैं बीते 14 वर्षों में करोड़ों रुपए का हेरफेर किया गया। जो राशि आदिवासी बच्चों को पढ़ाई के नाम पर उपयोग होना थी, उसका राष्ट्र विरोधी और अन्य गतिविधियों में उपयोग किया गया।

बड़वानी जिले के टेमला के रहने वाले युवक प्रीतम राज बड़ोले ने FIR में लिखा कि 14 साल में 13 करोड़ से अधिक की राशि इस ट्रस्ट को मिली। पर, राशि के स्त्रोत और व्यय का स्पष्ट खुलासा नहीं किया गया।

डेढ़ करोड़ से ज्यादा राशि का बैंक से नकेद निकासी की गई। निकासी की ऑडिट व खाता विवरण भी अस्पष्ट है। ट्रस्ट के 10 खातों से 4 करोड़ से अधिक राशि की नियमित और अज्ञात निकासी हुई।

ट्रस्ट ने एकत्रित किए दान का पैसा विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के प्रबंधन के लिए डायवर्ट किया। मेधा पाटकर के सेविंग अकाउंट में 19 लाख से अधिक राशि खाते में आई।

जबकि, मेधा पाटकर ने कोर्ट में आय का दावा करते हुए 6 हजार रुपए प्रतिवर्ष दर्शाया।

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बड़वानी कोतवाली थाने पर दर्ज FIR में बताया गया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासियों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के नाम पर NGO के द्वारा एकत्र किया गया दान उन उद्देश्यों के लिए खर्च किया गया, जो पूरी तरह से अज्ञात व अस्पष्ट है।

इसके अलावा 14 वर्षो में विभिन्न स्रोतों और अपने कई खातों में 13.50 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है। वहीं, पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, मगर इस मामले में मीडिया से दूरी बनाई हुई है।

पुलिस अधीक्षक सहित कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और टालमटोल करते नजर आ रहे। वहीं मेधा पाटकर ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अभी पुलिस की तरफ से कोई सूचना या नोटिस नहीं मिला है। हमारे पैसों का हर साल ऑडिट होता है और हमने पहले भी कई बार इसका जवाब दिया है।

अब भी हम तैयार हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस ने यह किया है उसे किसी ने भ्रमित किया होगा, अब वही कानूनी कार्यवाही भी भुगतेगा।