FIR Against Retired IAS : आय से अधिक संपत्ति मामले में रिटायर्ड IAS अधिकारी और पत्नी पर FIR

लोकायुक्त ने 10 साल तक मामले की जांच के बाद कार्रवाई की!

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FIR Against Retired IAS : आय से अधिक संपत्ति मामले में रिटायर्ड IAS अधिकारी और पत्नी पर FIR

Jabalpur : रिटायर्ड आईएएस रमेश थेटे के खिलाफ जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने दस साल की जांच के बाद कार्रवाई की। लोकायुक्त पुलिस ने पूर्व आईएएस और उनकी पत्नी मंदा थेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इसे जांच में लिया है। रमेश थेटे (1993 बैच) जबलपुर में 2001-2002 में नगर निगम आयुक्त और संचालक रोजगार एंव प्रशिक्षण जबलपुर के पद पर पदस्थ थे। इस अवधि में उन्होंने कई बैंकों से लोन लिया और उसे फिर अल्प अवधि में चुका भी दिया। लोकायुक्त को 2012-13 में शिकायत मिली और इसकी जांच की गई। करीब 10 साल बाद रिटायर्ड आईएएस के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई। लोकायुक्त पुलिस ने पूर्व आईएएस की पत्नी को भी आरोपी बनाया है।

रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रमेश थेटे जब 2001-2002 में जबलपुर आयुक्त नगर निगम के पद पर पदस्थ रहें हैं। बाद में संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण जबलपुर के पद पर कई सालों तक पदस्थ रहे। इस अवधि के दौरान आईएएस रमेश थेटे और उनकी पत्नी मंदा थेटे ने जबलपुर के कई बैंकों से लगभग 68 लाख रुपए का लोन लिया। लोन को पूर्व आईएएस रमेश थेटे ने 2012-13 की अल्प समय पर ही वापस भी कर दिया। बहुत ही कम समय में इतनी बड़ी रकम को बैंक से लेकर उसे वापस करने पर जबलपुर लोकायुक्त पुलिस ने 2012-13 में इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी और जांच में पाया कि कहीं न कहीं रमेश थेटे ने अनुपातहीन संपत्ति दर्ज कर उसे लोन के रूप में चुका दिया गया है।

लोकायुक्त ने अपनी 10 साल की जांच के दौरान यह भी पाया कि रिटायर्ड आईएएस ने अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की थी। इसी जांच के आधार पर पूर्व आईएएस और उनकी पत्नी के खिलाफ धारा 13 (1) बी, 13(2) पीसी एक्ट 1988 (संशोधित 2018) तथा 120 बी भादंवि के अंतर्गत रिटायर्ड आईएएस और उनकी पत्नी मंदा थेटे निवासी नागपुर के खिलाफ दर्ज की गई।