
Fir Lodged Against Minister Vijay Shah: मंत्री विजय शाह के खिलाफ हुई FIR, कैरियर की उल्टी गिनती शुरू
राजेश जयंत की खास राजनीतिक रिपोर्ट
पिछले 2 दिन से मध्य प्रदेश की राजनीति में विवाद का अखाड़ा बने मंत्री विजय शाह के खिलाफ अंततः हाई कोर्ट के निर्देश पर आज रात मानपुर थाने में FIR दर्ज हो गई है। माना जा रहा है कि अब विजय शाह का इस्तीफा कभी भी आ सकता है। और इसी के साथ विजय शाह की के केरियर की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी या यू कहा जाए कि उनका केरियर लगभग समाप्त ही हो जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर में कर्नल सोफिया कुरैशी की भूमिका पर मध्य प्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह ने जो निर्लज्जतापूर्ण बयान दिया है , उसके बारे में आम आदमी का मानना है कि वह बयान सिर्फ सेना की अधिकारी सोफिया का अपमान नहीं है, भारतीय सेना और केवल नारी जाति का अपमान नहीं है अपितु वह पूरे राष्ट्र का अपमान है। अपने बोल बच्चन से भाजपा के वरिष्ठ नेता और लगातार विधायक-मंत्री बनते रहे कुंवर विजय शाह ने कुल्हाड़ी पर अपना पैर मार दिया है। उनके बयानों में प्रधानमंत्री का नाम लेकर सबसे बड़ी भूल कर दी जो उन्हें अब भारी पड़ रही है। कहा जा सकता है कि यह उनकी वह बड़ी भूल है जो उनके करियर को रसातल में ले जाएगी।
इस प्रकरण में पार्टी की भी किरकिरी हुई है। मध्य प्रदेश के साथ ही पूरे राष्ट्र में इस बात को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि अब तक किसी भी बड़े भाजपा नेता या संगठन की तरफ से विजय शाह को लेकर कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं आई…?
क्यों अभी तक उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया…?
आपत्तिजनक बयान को लेकर तीन दिन से सियासत गरमाई हुई है वहीं सत्ता-संगठन की चुप्पी के बीच हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर FIR दर्ज करने के निर्देश दिए। तब जाकर विजय शाह पर इंदौर के मानपुर थाने में आज रात प्रकरण दर्ज हुआ।
आपत्तिजनक बयान बाजी मानपुर थाना क्षेत्र के रायकुंडा मे आयोजित हलमा कार्यक्रम में की गई थी अतः मानपुर थाने में प्रकरण दर्ज हुआ।
मान कर चलिए कि इसके साथ ही मुश्किलों में फंसे हुए कुंवर विजय शाह के राजनीतिक कैरियर की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री अभी रात 10:00 बजे भोपाल पहुंच चुके हैं और अब सत्ता- संगठन ने मिलकर पटकथा तैयार की जा रही है।
मामले में कांग्रेस व अन्य संगठनों द्वारा विजय शाह के विरुद्ध प्रदर्शन और इस्तीफे की मांग के बीच पूर्व मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती ने भी विजय शाह को मंत्री पद से बर्खास्त करने के साथ ही उन पर एफआईआर की मांग को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि ऐसे बयान से पार्टी की छवि खराब होती है। विजय शाह की बर्खास्तगी एवं एफआईआर दोनों कार्रवाई तुरंत होना चाहिए क्योंकि उन्होंने पूरे देशवासियों को लज्जित किया है।
इधर सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश संगठन से पूरे मामले में रिपोर्ट तलब कर चुके हैं। मंत्री विजय शाह को लेकर सब कुछ तय हो चुका है।
सूत्रों से आ रही खबरों पर यकीन करें तो हाईकोर्ट के आदेश के बाद मानपुर थाने में शाह के विरुद्ध दर्ज हुई एफआईआर के साथ ही संगठन की ओर से संदेश गया है कि मंत्री विजय शाह स्वयं इस्तीफा देकर विवाद को शांत करें। उन्हें यह हिदायत भी दी गई है कि इस्तीफे के बाद शाह या उनके समर्थकों की ओर से कोई प्रतिक्रिया व्यक्त ना हो।
मंत्री विजय शाह के करियर की बात करें तो भोपाल की सांसद रही साध्वी प्रज्ञा और प्रदेश के सीनियर लीडर कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश के प्रकरणों से समझा जा सकता है।
इन दोनों को प्रधानमंत्री की नाराजगी का खामियाजा भुगतना पड़ा है। कहां जा सकता है कि एक बार जो प्रधानमंत्री की नजर से उतर गया फिर उसका फिर से ऊपर उठाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है।





