FIR on 4 Including Dewas SDM : देवास एसडीएम सहित 4 पर एफआईआर दर्ज!
Dewas : देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ और एसडीएम प्रदीप सोनी, सीओओ सूर्य प्रकाश तिवारी और विश्वास ट्रांसपोर्ट सर्विसेज प्रा लि देवास के डायरेक्टरों विजय गोस्वामी एवं प्रणय गोस्वामी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले की जांच में सब्सिडी में गड़बड़ी और टेंडर की शर्तों का उल्लंघन पाया गया।
जांच में पाया गया कि देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की 3 बसों के बेचने पर उन पर दी गई सब्सिडी 23,86,800 का दुरुपयोग पिछले एक साल से किया जा रहा था। ऑपरेटर द्वारा बताया गया कि बैंक में सिविल खराब होने से उसे लोन नहीं मिल रहा था, जिससे वह बसें खरीद नहीं पा रहा। इस प्रकार इस पूरे मामले में देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के सीईओ प्रदीप सोनी जो कि देवास के एसडीएम भी हैं। सीईओ सूर्य प्रकाश तिवारी तथा विश्वास ट्रांसपोर्ट के डायरेक्टर विजय गोस्वामी एवं प्रणय गोस्वामी द्वारा शासकीय धन को क्षति पहुंचाई। पद का दुरुपयोग कर टेंडर का संचालन उचित प्रकार से नहीं किया गया। साथ ही टेंडर की शर्तों का उल्लंघन किया गया। इन चारों के विरुद्ध धारा 7,13 (1) ए, 13 (2), भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) एवं भादवि की धारा 409, 420 एवं 120-बी के अंतर्गत लोकायुक्त प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
ये था पूरा मामला
विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त उज्जैन संभाग के पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा को इसी साल 10 जनवरी को शिकायत मिली थी, कि देवास नगर निगम के माध्यम से यात्री बसों के टेंडर अमृत योजना के तहत निकाले गए थे। इसमें शासन की तरफ से 40% तक सब्सिडी का प्रावधान था। नगर निगम ने विश्वास ट्रांसपोर्ट प्रालि के यात्री बसों का टेंडर स्वीकृत कर टेंडर के निर्धारित मार्गों पर संचालन के लिए अनुमति दी गई थी। परंतु विश्वास ट्रांसपोर्ट ने अधिकारियों के साथ मिलकर टेंडर में स्वीकृत मार्ग से भिन्न मार्गो पर यात्री बसों का संचालन किया जाने लगा। यहां तक कि कुछ बसों का विक्रय भी कर दिया गया।
इस शिकायत की जांच और सत्यापन की जिम्मेदारी उपपुलिस अधीक्षक सुनील कुमार तालान को सौंपी गई। जांच के सत्यापन में पाया गया कि देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज द्वारा आरएफपी के अनुसार टेंडर जारी किए गए थे। इस टेंडर में क्लस्टर 2, 3 एवं 4 पर बसों के संचालन की निविदाएं मांगी गई थी।इन तीनों क्लस्टर की निविदाएं विश्वास ट्रांसपोर्ट को प्राप्त हुई तथा 39 बसों का संचालन 7 साल के लिए इसके अंतर्गत किया जाना था।
विश्वास ट्रांसपोर्ट को इसके लिए बसें खरीदने की कुल लागत का 34.2% से 39.78% तक वीजीएफ (सब्सिडी) प्राप्त हुई। विश्वास ट्रांसपोर्ट ने साल 2022 में 3 बसें बेच दी। परंतु, उनके स्थान पर एक साल से भी अधिक समय बीतने पर भी तीन बसें खरीदी नहीं गई। कई बसों का मार्ग परिवर्तन सीईओ एवं सीओओ से अनुमति लेकर बदल दिया गया। जबकि, वे अनुमति देने के लिए सक्षम अधिकारी नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि इस टेंडर के बदले देवास सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लि को वार्षिक प्रीमियम शून्य रुपए प्राप्त हो रही है। बसों के लिए मासिक पास भी जारी नहीं किए गए। बसों पर विज्ञापन का टेंडर भी जारी नहीं किया गया जिससे नगर निगम की कंपनी को आय हो सकती थी। स्पेअर बस को पिकनिक और टूर आदि का परमिट लेकर चलाया गया जो सही नहीं था। क्लस्टरों की अधिकांश बसों के रूट में बदलाव की अनुमति दी गई, जिससे वे व्यस्त रूटों पर बसों का संचालन करने लगे। कुछ बसों पर अनुमति के बिना दूसरे ऑपरेटर का नाम करा दिया गया तथा शासन की योजना से संबंधित चिन्ह भी हटा दिए गए जिनकी अनुमति नहीं थी।