New Delhi : दिवाली पर चलाए जाने वाले पटाखों (Firecrackers) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (SC) ने आदेश जारी किया। कोर्ट ने कहा कि सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है। सिर्फ सेहत को नुकसान पहुँचाने वाले पटाखों पर रोक लगाई गई है। बेरियम से बने पटाखों और लड़ियों पर रोक रहेगी!
यदि इस निर्देश का उल्लंघन होता है, तो राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, ज़िले के SP, DSP और TI जैसे अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें इस आदेश का व्यापक प्रचार करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी प्राधिकारी को इन निर्देशों के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जा सकती। त्यौहार की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों के इस्तेमाल की इजाजत किसी को नहीं होगी। दूसरों की सेहत की कीमत पर त्यौहार नहीं मनाया जा सकता।
अदालत ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्यों, एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की और से किसी भी चूक को गंभीरता से लिया जाएगा। SC ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए सभी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट मीडिया, स्थानीय केबल (TV) सेवाओं के माध्यम से प्रचार करें।
सुप्रीम कोर्ट ने CBI की तरफ से दी गई प्राथमिक जांच रिपोर्ट को भी अपने आदेश में दर्ज किया। इसमें बताया गया कि कई कंपनियां प्रतिबंधित सामग्री का इस्तेमाल कर पटाखे बना रही हैं। इन पर ग्रीन क्रैकर्स का लेवल लगाकर बेचा जा रहा है। SC की बेंच ने माना है कि यह साफ तौर पर संबंधित संस्थाओं और राज्य सरकारों की नाकामी है। कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित कराना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है।